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भोपाल

अब लोगों की जान बचाएगी अशफाक अहमद की तकनीक, नहीं दोहराएगा खटलापुरा प्रतिमा विसर्जन हादसा

अशफाक अहमद को सलाम : जुगाड़ से आसान होगी दुर्गा विसर्जन की प्रक्रिया, अब नहीं दोहराएगा खटलापुरा प्रतिमा विसर्जन हादसा।

भोपालOct 07, 2019 / 07:25 pm

Faiz

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अब लोगों की जान बचाएगी अशफाक अहमद की तकनीक, नहीं दोहराएगा खटलापुरा प्रतिमा विसर्जन हादसा

भोपाल/ प्रदेश की राजधानी भोपाल के खटलापुरा विसर्जन घाट पर गणेश प्रतिमा विसर्जित करने के दौरान हुए हादसे में 11 लोगों की मौत पर पूरा शहर गमगीन था। उन सभी ग्यारह नौजवानों के परिवार को मिला दुख शायद ही कभी कम होगा। गंगा जमुनी तहजीब से पहचाने जाने वाले भोपाल का हर वासी इस घटना से आहत था, फिर भले ही वो किसी भी धर्म, जाति का हो। हादसे में जान गंवाने वाले उन ग्यारह लोगों के परिवारों को मिले दर्द की कल्पना तो शायद कोई कर ही नहीं सकता। लेकिन, इस हादसे में गई जानों का दर्द शहर में रहने वाले अशफाक अहमद ने भी महसूस किया। घाट पर विसर्जन के दौरान घटी घटना से आहत होकर उन्होंने फैसला किया एक ऐसी मशीन बनाई जाए, जिससे इस तरह के हादसों पर अंकुश लग सके। कड़ी मेहनत और जुगाड़ के दम पर घटना से महज 25 दिनों के भीतर ही वो अपनी इस चिंता का हल निकालने में कामयाब हो गए और बना डाली बेहद सस्ते में मूर्ति विसर्जन करने की एक खास मशीन।

 

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प्रशासन को पसंद आया आइडिया

पुराने शहर के गिन्नोरी इलाके में रहने वाले 60 वर्षीय अशफाक अहमद ने खटलापुरा घाट पर हुए हादसे के महज दो दिन बाद हाइड्रोलिक स्लाइडेड प्लेटफॉर्म बनाने का फैसला लिया। इधर, प्रशासन घाट पर मूर्ति विसर्जन करने पर प्रतिबंध लगा चुकी थी, जिसका विपक्षी दल द्वारा कड़ा विरोध किया जा रहा था। प्रशासन की चिंता थी कि, किसी बेहतर विकल्प के बिना घाट पर विसर्जन की अनुमति देना फिर किसी हादसे को बढ़ावा देने के समान है और विपक्ष चाहता था कि, प्रशासन प्रतिबंध लगाने के बजाय विसर्जन के लिए किसी बेहतर विकल्प की व्यवस्था करे। इधर, खाली राजस्व से पीड़ित प्रशासन कुछ बेहतर विकल्प की तलाश कर रहा था। क्योंकि, मूर्ति विसर्जन के काम में आने वाली हाइड्रोलिक मशीन की कीमत लगभग 30 से 40 लाख रुपये है और विसर्जन में कम से कम तीन मशीनों की ज़रूरत तो पड़नी ही थी। ऐसे में अशफाक अहमद का जुगाड़ू आईडिया सरकार को पसंद आ गया, क्योंकि ये मूर्ति विसर्जन करने में किसी हाइड्रोलिक मशीन से बेहतर विकल्प तो था ही, साथ ही एक समय में दो टन वजनी विशाल मूर्ति को भी महज 5 मिनट में विसर्जित करने में सक्षम है।

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सेफ साबित होगा विकल्प

राजधानी में ही नही बल्कि प्रदेशभर में ऐसा पहली बार होने जा रहा है कि, जुगाड़ से बनाए गए स्लाइडेड प्लेटफॉर्म की मदद से दुर्गा प्रतिमा विसर्जन किया जाएगा। इस स्लाइडेड प्लेटफॉर्म को बनाने में लगभग 6 लाख रुपये खर्च आया है, जो किसी आम हाइड्रोलिक मशीन से पांच गुना कम लागत में तैयार किया गया है। फिलहाल, सरकार ने ऐसे तीन प्लेटफॉर्म तैयार करवाएं हैं, जिनमें से दो प्लेटफॉर्म प्रेमपुरा घाट पर रखे जाएंगे और एक कमलापति घाट पर। रात होते तक हाइड्रोलिक स्लाइडेड प्लेटफॉर्म को चयनित स्थान पर स्थापित भी कर दिया जाएगा। जो भी भक्त इन घाटों पर दुर्गा प्रतिमा लेकर पहुंचेंगे उनसे घाट से कुछ मीटर की दूरी पर ही विसर्जन से जुड़े सारे कार्य करा लिये जाएंगे। इसके बाद प्रतिमा को स्लाइडेड प्लेटफॉर्म पर रखकर 30 फीट लंबे ट्रेक पर रख दिया जाएगा, जिसका एक छोर पानी पर होगा। स्लाइड के ज़रिये प्रतिमा को दूसरे छोर पर पहुंचाया जाएगा। जहां लगी हाइड्रोलिक डंपिंग प्लेट की मदद से प्रतिमा को तालाब में विसर्जित कर दिया जाएगा।

 

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इस तरह संपन्न होगा मूर्ति विसर्जन

स्लाइडेड प्लेटफॉर्म के तीन पीस महज 25 दिनों के भीतर तैयार करने वाले अशफाक मियां ने बताया कि, जुगाड़ से बने स्लाइडेड प्लेटफॉर्म के लिए 30 फीट लंबा और 20 फीट चौड़ा लोहे का मेन प्लेटफॉर्म बनाया गया है, जो प्रतिमा को एक छोर से दूसरे छोर पर लाएगा। इस पर 80 वर्गफीट का एक प्लेटफॉर्म व्हील के साथ सेट किया गया है। साथ ही, 64 वर्गफीट का छोटा प्लेटफॉर्म भी बनाया, जिस पर मूर्ति रखी जाएगी। स्लाइड करते हुए मूर्ति छोटे प्लेटफॉर्म पर आएगी। इस प्लेटफॉर्म के नीचे कैम सिस्टम है। हाइड्रोलिक प्रेशर से छोटा प्लेटफॉर्म एक तरफ से उठने लगेगा, जिसपर रखी मूर्ति पानी में विसर्जित हो जाएगी। इस प्रक्रिया में कहीं भी किसी व्यक्ति की आवश्यक्ता नहीं पड़ेगी। यानी मशीन की मदद से मूर्ति को विसर्जित किया जाएगा। इससे तालाब के नज़दीक किसी को नहीं जाना पड़ेगा और विसर्जन के दौरान होने वाले हादसों का रिस्क पूरी तरह खत्म हो जाएगा।

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2000 मूर्तियों के विसर्जन की ये है व्यवस्था

आपको बता दें कि, इस बार शहरभर में अलग अलग स्थानों पर दो हजार मूर्तियां स्थापित की गई हैं, जिन्हें शहर के 21 घांटों पर विसर्जित किया जाएगा। इनमें सबसे ज्यादा 738 बड़ी छोटी मूर्तियां प्रेमपुरा घाट पर विसर्जित की जाएंगी। इसेक बाद 300 मूर्तियों को हथाईखेड़ा डेम में विसर्जित किया जाएगा। शहर में कम से कम ट्रैफिक हो इसलिए कमलापति और बैरागढ़ घाट पर 200-200 मूर्तियों को विसर्जित कराने का फैसला लिया गया है। वहीं, प्रेमपुरा घाट पर प्रतिमा विसर्जन के लिए अलग से 60 बाई 60 का खास कुंड तैयार किया गया है, जिसमें तय स्थान की मूर्तियों को विसर्जित किया जाएगा।

 

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खटलापुरा घाट पर अब रोक नहीं, जुगाड़ से होगा विसर्जन

खटलापुरा हादसे के बाद प्रशासन ने प्रतिमा विसर्जन पर रोक लगा दी थी। हालांकि, राजनीतिक दबाव के चलते रविवार को प्रशासन ने यहां पर मूर्ति विसर्जन की अनुमति दे दी है। साथ ही विसर्जन को लेकर पर्याप्त व्यवस्था भी कर ली है। रविवार को खटलापुरा घाट का निरीक्षण करने पहुंचे भाजपा के जिला अध्यक्ष विकास वीरानी प्रशासन से चेतावनी देते हुए कहा था कि, अगर खटलापुरा घाट पर विसर्जन की रोक लगाई, तो भाजपा कार्यकर्ता धरना प्रदर्शन करेंगे, जिसपर जवाब देते हुए कुछ देर बाद खटलापुरा पहुंचे मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि, खटलापुरा घाट समेत कुछ अन्य घाटों को चयनित किया गया है, जहां नाव से विसर्जन पर प्रतिबंध रहेगा। हालांकि, लोगों की सुविधा को देखते हुए खटलापुरा पर क्रेन से विसर्जन करने की व्यवस्था की गई है।

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