दरअसल, लगातार एमपी-पीएससी पर लगातार विवादों का ग्रहण लगा हुआ है। 2020 के पहले भी पीएससी की भर्ती परीक्षाओं में लगातार विवाद गहराता रहा है। यहां तक कि विधानसभा में भी इसका मुद्दा उठ चुका है। इससे पहले स्टेट सिविल सर्विस एक्जाम 2019 का ताजा विवाद है, जिसमें उम्र की गणना 1 जनवरी 2019 से की गई थी, जबकि विज्ञापन दिसंबर 2019 में निकला था। बाद में सरकार को उम्र की गणना 1 जनवरी 2020 से करने का संशोधन करना पड़ा।
चुनिंदा विवादों पर एक नजर- – स्टेट सर्विस एक्जाम 2019 के विज्ञापन में उम्र-सीमा का विवाद। इसमें उम्र की गणना 1 जनवरी 2019 से की गई थी। विवाद होने पर बाद में एक साल उम्र-सीमा बढ़ाई गई।
– भाजपा सरकार में एमपी-पीएससी से हुई अन्य भर्तियों पर भी विवाद का साया रहा। विधानसभा में भी अनेक बार कांग्रेस ने यह मुद्दा उठाया था। इसमें आवेदन ही गलत होने पर भी नियुक्तियां हुई थी। इस पर खूब बवाल हुआ था।
ये है मौजूदा विवाद- दरअसल, राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा में भील समुदाय को लेकर पूछे गए सवाल के गद्यांश में विवादित अंश है। इसमें भील समुदाय आपराधिक प्रवृत्ति का, शराब के अथाह सागर मे डूबने वाला व अन्य अनैतिक काम करने वाला बताया गया था, जिस पर बवाल मच गया। इस पर भील समुदाय व आदिवासी नेताओं ने भारी नाराजगी जाहिर की थी।