मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (cm shivraj singh chauhan) ने शुक्रवार को यूनाइटेड नेशंस वर्ल्ड टूरिज्म आर्गेनाइजेशन (यूएनडब्ल्यूटीओ) के सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव की सूची में शामिल होने को गर्व का अवसर बताया है। मध्यप्रदेश टूरिज्म विभाग और प्रशासन की टीम को अच्छा काम करते रहने और इस उपलब्धि के लिए शुभकामनाएं भी दी हैं।
चौहान ने कहा कि यह मध्यप्रदेश के लिए गौरव की बात है। हमारा प्रदेश नैसर्गिक प्राकृतिक सौंदर्य के साथ अद्भुत स्थापत्य कला का धनी प्रदेश है। अब पर्यटन सिर्फ मनोरंजन ही नहीं, बल्कि रोजगार, स्थानीय संस्कृति, खान-पान, कला और स्थापत्य कला का केंद्र बिन्दु भी बनकर उभरा है।
पर्यटन एंवं संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव शिवशेखर शुक्ला ने बताया अगले पांच वर्षों में 100 गांवों को ‘ग्रामीण पर्यटन’ की योजना के तहत विकसित किया जाएगा। इनमें ओरछा, खजुराहो, मांडू, सांची, पचमढ़ी, तामिया, पन्ना नेशनल पार्क, बांधवगढ़ नेशनल पार्क, संजय दुबरी नेशनल पार्क, पेंच और कान्या नेशनल पार्क, मितावली, पड़ावली आदि क्षेत्रों को भी विकसित किया जाएगा।
ओरछा से अलग है यहां का वातावरण
यह गांव ओरछा से बिल्कुल अलग रूप में है। जैसे ही ओरछा आने वाले पर्यटक इस गांव की तरफ बढ़ते हैं एक अलग ही वातावरण देखने को मिलता है। शहरी आबादी से बिल्कुल अलग हट कर यह स्थान शांत, शुद्ध और प्राकृतिक वातावरण का अनुभव कराता है। यहां के पारंपरिक खान-पान और पहनावे से आप यहां की प्राचीन संस्कृति को जान पाएंगे। लाडपुरा खास के ग्रामीण घरों में रहने से पर्यटकों को सिर्फ स्थानीय, ग्रामीण जीवन शैली का अनुभव मिलता है। इस गांव से 7 किमी दूर होने के कारण ओरछा के कई अद्भुत स्मारकों का भी दौरा करने का अवसर मिलता है। खास बात यह है कि इस क्षेत्र में बुंदेलखंड के प्राचीन साम्राज्य और अवशेषों के बारे में जानकारी मिलती है।
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लाडपुरा क्यों है खास
इन प्रदेशों के गांव भी सूची में मध्यप्रदेश के लाडपुरा खास के अलावा मेघालय के कोंगथोंग, तेलंगाना के पोचमपल्ली भी ‘बेस्ट टूरिस्ट विलेज’ की सूची में शामिल हुए हैं।