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भोपाल-इंदौर एक्सप्रेस-वे : 158 हेक्टेयर जंगल के 21,146 पेड़ काटने केंद्र से मांगी अनुमति

एक्सप्रेस-वे के लिए 158 हेक्टेयर वनभूमि से 21 हजार 146 पेड़ काटे जाएंगे, जिसकी अनुमति केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से मांगी गई है।

भोपालJul 26, 2019 / 11:14 am

KRISHNAKANT SHUKLA

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भोपाल-इंदौर एक्सप्रेस-वे : 158 हेक्टेयर जंगल के 21,146 पेड़ काटने केंद्र से मांगी अनुमति

@देवेंद्र शर्मा, भोपाल. भोपाल-इंदौर एक्सप्रेस-वे मंडीदीप के पास इटाया कलां गांव से शुरू होगा और कोलार के गोल गांव से गुजरेगा। एक्सप्रेस-वे के लिए 158 हेक्टेयर वनभूमि से 21 हजार 146 पेड़ काटे जाएंगे, जिसकी अनुमति केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से मांगी गई है।

146.88 किमी लंबे ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे के 70 मीटर चौड़े रास्ते में भोपाल में ही 50 हेक्टेयर जंगल का इलाका आ रहा है। भूमि डायवर्जन का प्रस्ताव केंद्रीय मंत्रालय को भेजा है। इसके लिए शर्तें भी तय की गई हैं। अनुमति मिलने के बाद चार जिलों से गुजरने वाले एक्सप्रेस-वे के तहत वनभूमि पर सुझाव-आपत्तियां बुलाई जाएंगी। सुनवाई के बाद काम शुरू होगा। ये एक्सप्रेस-वे मंडीदीप के पास एनएच-12 स्थित इटाया कलां गांव से शुरू होकर देवास जिले में एनएच- 59 ए पर करनावद कस्बा तक प्रस्तावित है।

इस एक्सप्रेस-वे का सीधा लाभ भोपाल समेत आसपास के 40 किलोमीटर के क्षेत्रों को मिलेगा। इसी तरह की स्थिति इंदौर के लिए भी होगी। राजधानी में सबसे अधिक लाभ कोलार को होगा। एक्सप्रेस-वे के दायरे में कोलार के गेहूंखेड़ा, कजलीखेड़ा, बैरागढ़-चीचली से लेकर गोलगांव और कोलार डैम तक का वनभूमि और रहवासी क्षेत्र आ रहा है।

राजधानी के रहवासी एक्सप्रेस-वे से रातीबड़ होते हुए सीहोर, आष्टा, देवास और इंदौर आ-जा सकेंगे। अधिकारियों का दावा है कि ये कॉरिडोर जंगल को नुकसान पहुंचाएगा, लेकिन संबंधित क्षेत्रों के विकास के रास्ते खोलेगा।

एक फ्लायओवर, 51 छोटे ब्रिज बनेंगे

इस प्रोजेक्ट में एक फ्लायओवर और 55 ब्रिज बनाए जाएंगे। इनमें से 51 छोटे ब्रिज, जबकि चार बड़े ब्रिज होंगेे। छह जगह पर इंटरचेंजेस भी रहेंगे। एक्सप्रेस-वे में छोटी-बड़ी 21 नदियां और नहर बीच में आ
रही हैं।

70 मी. चौड़ी सडक़ की जद में आएंगे पेड़

पर्यावरणीय अनुमति के लिए भेजी गई विस्तृत रिपोर्ट के अनुसार 70 मीटर चौड़ी सडक़ के लिए 21 हजार 146 पेड़ काटे जाएंगे। पहले चरण में 5322, दूसरे में 9809 तो तीसरे में 6015 पेड़ जमींदोज किए जाएंगे। पर्यावरणविद् इससे खुश नहीं हैं।

88 गांवों से गुजरेगा एक्सप्रेस-वे

अनुमति के लिए वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को दी रिपोर्ट के अनुसार एक्सप्रेस-वे भोपाल-इंदौर के बीच 88 गांवों से गुजरेगा। इसमें 158.25 हेक्टेयर वनभूमि है तो 1005 हेक्टेयर गैर वन भूमि है।

गांव जहां के जंगल पर चलेगी कुल्हाड़ी

गांव हेक्टेयर

कालापानी 11. 08
महाबडिय़ां 6.97
बोरदा 7.46
बबलीखेड़ा 13.87
आमला 3.64
इमलीखेड़ा 2.59
बरखेड़ा बाज. 4.28
सगोनी 7.89
कुठियाखेड़ी 1.20
ढाबला माता 1.48
मोंगरा 1.28
नीलबड़ 2.23
बंडारिया 11.81
नांजीपुरा 14.83

सेमरी 10.64
कटला 6.85
दोराहा खुर्द 15.30
धिंगाखेड़ी 6.92
ढोंगरी 4.29
ग्यारसपुरा 1.34

इन तीन जिलों में ग्रीन फील्ड एरिया

फॉरेस्ट नॉन फॉरेस्ट शहर
50.17 – 105.76 – भोपाल
102.44 – 582.52 – सीहोर
5.63 – 316.71 – देवास
(नोट- आंकड़़े हेक्टेयर में, कुल 158.25 हेक्टेयर वन क्षेत्र है। 1005 हेक्टेयर नॉन फॉरेस्ट भूमि।)

आपत्तियां-सुझाव लेंगे

हमने वनभूमि डायवर्जन का प्रस्ताव दिया है। इस पर शर्तें तय हो चुकी हंै। मंजूरी के बाद एक्सप्रेस-वे के चार जिलों की जनता से आपत्तियां-सुझाव मांगे जाएंगे, फिर सुनवाई होगी।
दीपक पांडे, वरिष्ठ प्रबंधक, एमपीआरडीसी

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