इसलिए नहीं लगता मन
धार्मिक नजरिए से हिन्दू धर्म में चन्द्र को मन और जल तत्व का देवता माना जाता है। माना जाता है कि हिन्दू मास के शुक्ल पक्ष में चन्द्र कला के बढऩे और कृष्ण पक्ष में घटने पर मानसिक दशा में भी उतार-चढ़ाव आते हैं। खासतौर पर मन और जल तत्व में उथल-पुथल देखी जाती है, जो मानसिक और शारीरिक कष्ट बढ़ाने वाली होती है। शास्त्रों के मुताबिक भगवान शिव स्वयं मस्तक पर चंद्रधारण करने वाले हैं। जिससे वह चंद्रमौली या चंद्रशेखर के नाम से भी प्रसिद्ध है। इसलिए चंद्र दोष से पैदा मानसिक बैचेनी, रोग और तनाव को दूर करने के लिये शिव भक्ति के खास दिनों में शिव पूजा के साथ चन्द्र पूजा और अघ्यज़् का उपाय बहुत ही प्रभावी बताया गया है।
ये हैं वो उपाय, जो देंगे शांति
– प्रदोष व चतुर्दुशी के दिन शिव उपासना में चंद्र पूजा की ये सरल विधि आपको शांति प्रदान करेगी।
– शाम को पूजा स्थान को गाय के गोबर से लीपकर उस पर एक चौकी पर चन्द्र और रोहिणी की मूर्ति विराजित करें।
– पूजा में चन्द्र और रोहिणी को सफेद चन्दन, सफेद फूल, अक्षत, सफेद वस्त्र, दूर्वांकर के साथ भोग में दही या दूध से बने पकवान अर्पित करें।
– इस मंत्र से चन्द्र प्रतिमा को अघ्र्य देने के बाद घी के दीप से आरती करें और ये मंत्र पढ़ें…
‘नवो नवोसि मासान्ते जायमान: पुन: पुन:।
आप्यायस्व स मे त्वेवं सोमराज नमो नम:।।
– सोमवार या हर रोज ऐसी चन्द्र पूजा मानसिक शांति के साथ, पुत्र, धन, स्वास्थ्य के साथ कुण्डली में चन्द्र दोष भी दूर करती है।