– कुल ग्राम पंचायतें : 23 हजार 12
– कुल गांव : 54 हजार 903
– महिला जनप्रतिनिधि : 1 लाख 96 हजार 490
– महिला सरपंच : 11 हजार 864
– आर्थिक गतिविधि में महिलाओं की हिस्सेदारी – 25 फीसदी
– महिलाओं की जनसंख्या : 3 करोड़ 50 लाख 14503
– महिलाओं की सारक्षरता : 59.2 प्रतिशत
– लिंगानुपात – 931
– 2015 – 13 लाख 41 हजार 773
– 2017 – 14 लाख 39 हजार 436
– 2018 – 13 लाख 67 हजार 652
– 2019 – 13 लाख 67 हजार 639
– 2020 – 14 लाग 10 हजार 226
देश में लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण International Women’s Day special का मुद्दा सालों से चल रहा है लेकिन महिला आरक्षण पर राजनीतिक दलों में सहमति न बन पाने के कारण यह विधेयक संसद में कई बार आने के बाद भी पारित नहीं हो पाया है। इसलिए विधानसभा और लोकसभा में महिला प्रतिनिधित्व कम ही नजर आता है। प्रदेश की विधानसभा में महिला सदस्यों International Women’s Day special की संख्या 21 है जिसमें भाजपा की 11, कांग्रेस की 9 और बसपा की 1 महिला विधायक हैं।
बेटी बचाओ-बेटी पढाओ योजना International Women’s Day special के तहत प्रदेश ने केंद्र से मिले फंड से ज्यादा पैसा खर्च किया है। साल 2018-19 में केंद्र ने 1 करोड़ 38 लाख रुपए दिए थे जबकि प्रदेश सरकार ने 10 करोड़ 21 लाख रुपए खर्च किए। साल 2019-20 में केंद्र ने 3 करोड़ 56 लाख रुपए दिए जबकि प्रदेश ने इस पर 11 करोड़ से ज्यादा पैसा खर्च किया। इस योजना के कारण बालक-बालिका लिंगानुपात में सुधार हुआ है। कन्या भ्रूण हत्या के मामले कम हुए हैं और लोग बेटी को बचा भी रहे हैं और पढ़ा भी रहे हैं।
– बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं योजना से महिलाओं के जन्म से लेकर जीवन, शिक्षा और सुरक्षा
– महिला शक्ति केंद्र के जरिए ग्रामीण महिलाओं का कौशल विकास
– कामकाजी महिलााओं के लिए अलग महिला होस्टल
– पुलिस भर्ती में महिलाओं के लिए आरक्षण
– राष्ट्रीय महिला कोष से महिलाओं को रियायती दर पर कर्ज
– महिला क्रैच योजना से महिलाओं को रोजगार मुहैया कराना
– मातृ वंदना योजना के तहत मातृत्व लाभ
– प्रधानमंत्री आवास योजना में महिलाओं के नाम पर आवास
– आजीविका मिशन के तहत महिलाओं का कौशल संवर्धन
– उज्जवला योजना के तहत महिलाओं के स्वास्थ्य की चिंता
– सुकन्या समृद्धि योजना में बालिकाओं को आर्थिक रुप से समृद्ध बनाना
– महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए स्टैंड अप इंडिया
दुर्गा बनी तू भवानी बनी,
मीरा बनी, राधा रानी बनी,
लिए रूप जीवन में तूने कई,
नारी तू जाने क्या, क्या बनी। माई की प्यारी सी गुड़िया बनी
बाबा के आँगन की चिड़िया बनी,
भैया के हाथों पे रेशम की डोरी,
बहन की सहेली सयानी बनी ।
साजन के दिल की धड़कन बनी,
बच्चों पे बरसाया ममता का सावन,
परियों की सुंदर कहानी बनी । फिर भी तेरे तन को नोंचा गया,
अस्मत को तेरी खरोंचा गया,
कभी दर्द चुपचाप सहती रही,
कभी आँख से बहता पानी बनी।
दुशासन ने भी किया चीरहरण,
अतिचार हर युग में होता रहा,
रवायत ये सदियों पुरानी बनी। फिर भी कभी तू हिम्मत ना हारी,
त्यागी ना तूने कभी ज़िम्मेदारी,
आयी परीक्षा की जब भी घड़ी,
धाय पन्ना बनी, झाँसी रानी बनी।
बंधन रिवाजों के खुलने लगे हैं,
नारी-पुरुष दोनों ही हैं बराबर,
नयी सोच अब ये सुहानी बनी। – आशीष कुमार तिवारी