Q. एक साल में सबसे बड़ी चुनौती क्या रही
A. हमारे सामने बड़ी चुनौती खाली खजाना की रही। पिछली भाजपा सरकार ने जो घोषणाएं की, उनका बोझ भी हमारे ऊपर आ गया। जो मेरी इच्छा थी, उसे धन की कमी से पूरा करना संभव नहीं हुआ। चाहता था कि किसान कर्ज माफी के बाद स्व-सहायता समूह का कर्ज भी माफ हो जाए। खाली खजाने के चलते चाह कर भी ऐसा नहीं कर पाया। हम प्रदेश को आर्थिक संकट से उबार रहे हैं।
Q. केन्द्रीय एजेंसियों का दबाव महसूस होता है
A. कमलनाथ को न तो कोई दबा सकता है और न ही झुका सकता है। मेरा काम करने का अपना तरीका है।
Q. माफिया मुक्त मुहिम हनीट्रैप से ध्यान हटाने के लिए है
A. कानून व्यवस्था को राजनीतिक चश्मे से नहीं देखें। हनीट्रैप का मामला कोर्ट में है। मैं प्रदेश को माफिया मुक्त चाहता हूं। ऐसे प्रदेश का सीएम नहीं रह सकता, जहां 15 साल से माफिया राज रहा हो। सफाया जरूरी है।
Q. मुहिम भाजपा नेताओं को टारगेट करने के लिए है
A. भेदभाव का प्रश्न ही नहीं है। माफिया के पक्ष में जो भी है, उसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। चाहे फिर वे किसी भी दल के हों।
Q. अब तक कितने वचन पूरे किए सरकार ने
A. वैसे तो वचन पूरे करने के लिए हमारे पास पांच साल हैं। हमने हर दिन एक वचन पूरा किया है। यानी 365 दिन में 365 वचन पूरे किए।
मुख्यमंत्री कमलनाथ कहते हैं कि युवा विधायकों को सीधे कैबिनेट मंत्री बनाने का हमारा प्रयोग सफल रहा है। उनकी ऊर्जा और जोश से काम-काज की गति बढ़ी है। मंत्रीमंडल विस्तार करेंगे, लेकिन इसकी तारीख और समय अभी तय नहीं है। अब तक की गति से सरकारी तंत्र समझ गया है कि किस तरह हमारी सरकार काम करना चाहती है।
Q. लोकसभा चुनाव को 6 माह हो गए, किसान कर्जमाफी का दूसरा चरण पूरा नहीं हो पाया। इसकी क्या वजह रही?
A. हम 20 लाख से अधिक किसानों का 7154 करोड़ रुपए का कर्ज माफ कर चुके हैं। 17 दिसंबर से दूसरे चरण में 12 लाख किसानों का 11,675 करोड़ रुपए का कर्ज माफ करने जा रहे हैं।
Q. भाजपा सरकार में अफसरशाही हावी होने का आरोप लगता था। मुख्यमंत्री बनने के बाद आपका अनुभव कैसा रहा?
A. आप सही कह रहे हैं। मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने के बाद मेरे सामने शासकीय तंत्र की सोच, नजरिए और कार्यशैली में परिवर्तन करना भी बड़ी चुनौती थी। वे अपने हिसाब से सरकार को चलाते थे। वे इस एप्रोच पर काम करते थे कि ये तो हो नहीं सकता, या ऐसा करेंगे तो गलत होगा।
Q. आपने विजन डाक्यूमेंट 2025 बनाया है। कहीं ये पिछली सरकारों में बने सिर्फ कागजी दस्तावेज का पुलिंदा तो साबित नहीं होगा?
A. हंसते हुए, यही तो अंतर है कमलनाथ और शिवराज में। मैं जो कहता हूं करता हूं। कागजी घोषणाएं और सपने नहीं बनाता। मैंने प्रदेश में कृषि आधारित रोजगार पैदा करने सहित विकास रोड मैप बनाया है। हर बिन्दू को मैदान में उतारने की टाइमलाइन तय की है।
Q. युवा विधायकों को कैबिनेट मंत्री बनाने का प्रयोग सफल रहा है?
A. युवा विधायकों को सीधे कैबिनेट मंत्री बनाने का प्रयोग सफल साबित हो रहा है। उनकी ऊर्जा से काम-काज की गति बढ़ी है। यह बात सही है कि अनुभव की कमी से कुछ परेशानी आती हैं। लेकिन एक साल में इन सभी ने अपने आपको परिपक्व कर लिया है। आने वाले चार सालों में आपको इसका असर दिखेगा।
Q. दिग्विजय सिंह के सुपर सीएम की बातें चली, सिंधिया भी खुले मंच से सरकार को घेरते रहे। दूसरे नेता भी सरकार के खिलाफ बयानबाजी करते रहे?
A. सुपर सीएम का शिगूफा विपक्ष और मीडिया का है। जहां तक आपत्तिजनक बयानबाजी की बात है, तो जो भी कांग्रेस नेता अपनी सीमा से बाहर जाएंगे पार्टी के नियमों के अनुसार उचित कार्रवाई की जाएगी।
Q. क्या भाजपा के कुछ विधायकों को तोडऩे की तैयारी है। आप कई बार इस तरह का दावा कर चुके हैं ?
A. मैंने ऐसा कोई दावा नहीं किया है। खरीद फरोख्त की राजनीति का काम भारतीय जनता पार्टी करती है। हां, यदि कोई विधायक हमारी पार्टी के मूल्यों और सिद्धांतों से सहमत है और अपनी रुचि के चलते हमसे जुडऩा चाहता है तो निश्चित रूप से हम उनका स्वागत करेंगे।
Q. महापौर-अध्यक्ष के अप्रत्यक्ष चुनाव लोकतंत्र के खिलाफ नहीं है। क्या कांग्रेस को इससे अप्रत्याशित नतीजे की उम्मीद है?
A. सांसद मिलकर प्रधानमंत्री चुनते हैं, विधायक मिलकर मुख्यमंत्री चुनते हैं तो पार्षद मिलकर अपना महापौर चुनें तो इसमें क्या कठिनाई है। देखिए, प्रदेश की जनता समझ चुकी है कि हम काम को करने में और उसे जमीनी स्तर पर लाने में यकीन करते हैं, ना कि कोरी घोषणाओं में।
Q. जब से सरकार बनी है तबादलों पर तबादले हो रहे, इस पर क्या कहेंगे?
A. वैसे तो तबादले होना स्वभाविक प्रक्रिया है। अब 15 साल बाद नई सरकार आई है। अब जो सालों से जमे हैं उन्हें न हटाएं, यह हमें स्वीकार नहीं है। जहां-जहां कार्य की दृष्टि से तबादले की आवश्यकता होती है, तबादले किए जाते हैं।
Q. मंत्रीमंडल विस्तार और निगम मंडलों में नियुक्ति कब तक?
A. मंत्रीमंडल विस्तार होना है। लेकिन अभी इसकी तारीख और समय तय नहीं है। जब होगा तो बता देंगे। निगम मंडलों में नियुक्तियों के लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी से नाम मांगे गए हैं।
Q. कांगे्रस का सॉफ्ट हिंदुत्व को भाजपा के परंपरागत मुद्दे हथियाने की रणनीति माना जाए?
A. हम किसी के मुद्दे नहीं हथिया रहे हैं। ये काम भाजपा करती है। क्या धार्मिक और आध्यात्मिक विकास के कार्यों पर सिर्फ भाजपा का अधिकार है? वैसे भी कांग्रेस धर्म के आधार पर राजनीति नहीं करती। नर्मदा नदी न्यास, राम वन पथ गमन, गोशाला विकास यह सब आवश्यक कार्य हैं जो हमने पूरे किए हैं।
Q. मैग्नीफिसेंट एमपी से निवेशकों में कितना भरोसा कायम करने में सफल रहे। इसके परिणाम कब दिखेंगे?
A. सिर्फ कागजों पर निवेश दिखाने में मैं विश्वास नहीं करता। मैग्नीफिसेंट एमपी परिणाम दिखने लगे हैं। प्रदेश में 32,000 करोड़ रुपए का निवेश आया है, जिससे एक लाख से भी अधिक रोजगार निर्मित होंगे। मध्यप्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य है, जिसने उद्योगों के लिए ‘लैंड पूलिंग पॉलिसी’ बनाई है।
Q. आपने शिक्षा, स्वास्थ्य को बड़ी चुनौती माना है। क्या कदम उठाए हैं?
A. स्कूली शिक्षा को बेहतर बनाने एनसीईआरटी पाठयक्रम लागू करने जा रहे हैं। इसके साथ पीयर लर्निंग एक्सपोजर विजिट्स, पैरेंट-टीचर्स मीटिंग के साथ 5वीं और 8वीं की परीक्षा बोर्ड पैटर्न पर कराने का निर्णय लिया है।