यह है चुनाव लड़ने का कारण
प्रदेश सरकार के सामने अपने हितों की बात रखने के लिए खड़े हुए इस संगठन ने शुरुआत सरकार के विरोध से की लेकिन, समय के साथ आदीवासी वर्ग उनका बातों से प्रभावित होकर उन्हें अपना समर्थन देना शुरु कर दिया और अब संगठन के लिए वो समय आ गया है कि, प्रदेश के 22 जिलों में इसने अपनी मज़बूत पकड़ बना ली है। इसी दम पर संगठन के प्रदेश संयोजक हीरा अलावा ने यह ऐलान कर दिया कि, प्रदेश की 80 विधानसभा सीटों पर संगठन अपने स्वतंत्र उम्मीदवार उतारेगा। हालाकि, संगठन संयोजक ने यह भी साफ किया कि, बीजेपी के अलावा प्रदेश में सक्रीय कोई पार्टी अगर उनका समर्थन चाहती है तो उन्हें मुख्यमंत्री के तौर पर प्रोजेक्ट करना होगा।
बीजेपी के विरोध का कारण
गठबंधन के मामले में बीजेपी से हाथ ना मिलाने की वजह पूछने पर प्रदेश संयोजक ने कहा कि, संगठन का मकसद ही बीजेपी को सत्ता से हटाना है। इसीलिए ही नह आदिवासियों को एकजुट करने का काम कर रहे हैं। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस गठबंधन के नज़रिए से आदिवासियों की पार्टी कही जाने वाली गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के साथ जयस के भी कांग्रेस के संपर्क में है।
आदीवासियों का बड़ा समर्थन
संगठन के सूत्रों ने बताया कि, बीजेपी के विरोध में आने की वजह यह है कि, पिछले दिनों जयस का एक प्रतिनिध मंडल शिवराज सिंह चौहान से मिलने पहुंचा था, जहां उन्होंने सरकार के सामने पच्चीस सूत्रीय मांगे एक पत्र के माध्यम से रखी थी। हालांकि, सीएम ने जयस की मांगों को गैर ज़रूरी मानते हुए प६ को नकार दिया। इसी से नाराज़ आदिवासी संगठन ने प्रदेश में मोर्चा खोल दिया है। इसी के बाद जयस ने आदिवासी समुदाय को जागरूक करने के लिए आदिवासी अधिकार यात्रा भी निकाली, जो काफी सफल भी रही थी।