लाइन को तुरंत बंद कर सुधार शुरू किया गया। इस लीकेज से बाणगंगा, डिपो चौराहा, जवाहर चौक, टीटी नगर, श्यामला हिल्स से जुड़ी कॉलोनियों के 25 हजार से अधिक लोगों को जलापूर्ति में दिक्कत हुई। रहवासियों का कहना है कि नगर निगम और निर्माण एजेंसियों के बीच सामंजस्य की बेहद कमी है। खुदाई करने के लिए कोई संवाद नहीं होता। इस कारण इस तरह की स्थिति बन जाती है।
हर दिन दो से तीन जगह लीकेज की स्थिति बनती है
लाइन के इंचार्ज एमएस सेंगर का कहना है कि नई लाइन बिछाने और पुराने लाइन में कनेक्शन का काम टाटा कंपनी कर रही है। हम ध्यान तो रखते हैं, लेकिन कई बार पाइप फूट जाते हैं, जिसे दुरुस्त करना पड़ता है। ये रूटीन का काम है। बीते एक सप्ताह में श्यामला हिल्स व टीटी नगर में विभिन्न निर्माण के लिए हुई खुदाई में 22 बार पानी की लाइन फोड़ी जा चुकी है। यानी हर दिन दो से तीन जगह लीकेज की स्थिति बनती है और रहवासियों को कम दबाव या फिर पानी की आपूर्ति ही नहीं होने की स्थिति बनती है।
सेंट्रल लायब्रेरी के पास आठ दिन से लीकेज, जलापूर्ति बंद, लेकिन नहीं हो रही सुनवाई
पुराने शहर में सेंट्रल लायब्रेरी के पास कोलार लाइन में बीते आठ दिन से लीकेज होने से संबंधित क्षेत्र की 30 हजार से अधिक आबादी को जलापूर्ति नहीं हो पा रही है। निगम के कॉल सेंटर पर लगातार शिकायत दर्ज कराई जा रही, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है। जलकार्य प्रभारी चीफ इंजीनियर एआर पंवार का कहना है कि क्षेत्रीय इंजीनियर को कह दिया है, वे इसे देख रहे हैं।