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भोपाल

राज्यसभा जाएंगे ज्योतिरादित्य सिंधिया? राह में ‘राजा’ साहेब बन सकते हैं रोड़ा, प्लान बी सफल हुआ तो दोनों होंगे खुश

अप्रैल 2020 में मध्यप्रदेश में कांग्रेस कोटे की एक सीट हो रही है खाली

भोपालNov 16, 2019 / 06:19 pm

Muneshwar Kumar

jyotiraditya scindia visit to gwalior on september 4

पूर्व मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया चार को शहर में, कैथ लैब का करेंगे उद्घाटन,पूर्व मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया चार को शहर में, कैथ लैब का करेंगे उद्घाटन

भोपाल/ मध्यप्रदेश कांग्रेस में अभी तो प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी को लेकर घुड़दौड़ जारी है। मगर आलाकमान पत्ते नहीं खोल रहा है कि आखिर ताजपोशी किसकी होगी। इस बीच एक और रेस मध्यप्रदेश कांग्रेस में शुरू होने वाली है। इस रेस में भी प्रदेश अध्यक्ष की तरह ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम आ गया है। लेकिन यह राह भी उनके लिए आसान नहीं हैं। यह राज्यसभा के लिए हैं।

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह कहा जा रहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को आने वाले दिनों में कांग्रेस राज्यसभा भेज सकती है। ऐसी चर्चाएं जोरों पर हैं। क्योंकि लोकसभा चुनाव में हार के बाद सिंधिया के सितारे गर्दिश में हैं। उनके पास पार्टी में भी कोई विशेष जिम्मेदारी नहीं है। मध्यप्रदेश में प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी के लिए वह लगातार संघर्ष कर रहे हैं। चुनाव में हार के बाद पार्टी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर उन्हें स्क्रिनिंग कमेटी का अध्यक्ष बनाया था। अब झारखंड चुनाव में स्टार प्रचारकों की सूची में उनका नाम है।
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तीन सीटें हो रही हैं खाली
मध्यप्रदेश में राज्यसभा की 11 सीटें हैं। तीन सीटें 9 अप्रैल 2019 को खाली हो रही हैं। इसमें से दो बीजेपी के और एक कांग्रेस की सीट है। कांग्रेस से दिग्विजय सिंह हैं जबकि बीजेपी से प्रभात झा और सत्यनारायण जटिया की सीट है। ऐसे में कांग्रेस कोटे की एक ही सीट हैं। उम्मीद है कि इन तीनों सीटों पर चुनाव के लिए मार्च 2020 तक अधिसूचना जारी हो जाएगी।
Jyotiraditya Scindia statement on maharashtra government

कांग्रेस सिंधिया को भेज सकती है राज्यसभा
अब चर्चाएं यह चल रही है कि कांग्रेस आलाकमान ज्योतिरादित्य सिंधिया को राज्यसभा भेज सकती है। इस निर्णय के पीछे यह कहा जा रहा है कि पार्टी नेतृत्व चाहती है कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार सुचारू रूप से चलता रहे। ऐसे में जरूरी है कि कोई विवाद नहीं हो। ऐसे में सिंधिया गुट को संतुष्ट करने के लिए पार्टी सिंधिया को राज्यसभा भेजने का फैसला कर सकती है।
jyotiraditya scindia visit in morena

दिग्गी बनेंगे रोड़ा?
लेकिन जो चर्चाएं हैं, उसकी भी राह प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी की तरह ही मुश्किल है। क्योंकि कांग्रेस कोटे से जो सीट खाली हो रही है अभी उस पर दिग्विजय सिंह काबिज हैं। दिग्विजय सिंह मध्यप्रदेश में कांग्रेस के कद्दावर नेता हैं। साथ ही प्रदेश की सरकार में उनकी अच्छी पकड़ है। उन पर आरोप लगते रहे हैं कि पर्दे के पीछे से सरकार वहीं चला रहे हैं। ऐसे में सिंधिया तभी राज्यसभा पहुंच सकते हैं, जब दिग्विजय सिंह अपनी दावेदारी छोड़ दें। लेकिन ये आसान नहीं है। ऐसे में सवाल यह है कि वाकई कांग्रेस आलाकमान ऐसा सोच रही है तो आने वाले दिनों में कांग्रेस में गुटबाजी और बढ़ेगी।
Congress Leader Jyotiraditya Scindia
IMAGE CREDIT: patrika

प्लान बी सफल होने पर नहीं हो सकता है विवाद
ऐसे में चर्चा यह भी है कि कांग्रेस कोटे की भले ही एक सीट खाली हो रही है। लेकिन मध्यप्रदेश में कांग्रेस अभी सरकार में है और मजबूत स्थिति में है। कहा जा रहा है कि कांग्रेस एक और सीट पर दावेदारी जता सकती है। अगर उसमें कमलनाथ की सरकार कामयाब हो गई तब तो फिर कोई विवाद ही नहीं है। लेकिन बीजेपी आसानी से तीसरी सीट को छोड़ने वाली भी नहीं है।
Jyotiraditya Scindia supporters made a big statement
क्यों राज्यसभा भेजना चाहती है कांग्रेस
कहा यह जा रहा है कि अगर मध्यप्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपते हैं तो प्रदेश में दो पावर सेंटर हो जाएगा। ऐसे में आए दिन खटपट होते रहेगी। पार्टी चाहती है कि सिंधिया को राज्यसभा भेज उन्हें फिर से केंद्र की राजनीति में शिफ्ट किया जाए। ताकि मध्यप्रदेश में स्मूथली सरकार चलती रहे।
Jyotiraditya Scindia decide soon for Mayor's name in gwalior
राहुल अजमा चुके हैं ये फॉर्मूला
दरअसल, मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद नतीजे जब कांग्रेस के पक्ष में आए तो सीएम पद की कुर्सी को लेकर ठन गई थी। कमलनाथ खेमा अलग अड़ी थी तो ज्योतिरादित्य सिंधिया भी इससे नीचे पर मानने को तैयार नहीं थे। राहुल ने उस वक्त भी कमलनाथ के नाम पर मुहर लगाकर ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश की राजनीति से दूर कर दिया था। उन्हें यूपी में संगठन की जिम्मेदारी दी। कांग्रेस को यह लगा रहा था कि पार्टी इस बार सत्ता में आएगी और सिंधिया को केंद्र की सरकार में बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी। मगर ऐसा हुआ नहीं और कांग्रेस में राहुल राज भी नहीं रहा तो लौटकर सिंधिया फिर एमपी में ही एक्टिव हो गए। ऐसे में आलाकमान फिर से राहुल फॉर्मुले पर ही विचार कर रही है।

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