विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक आज दुनियां भर में करीब 422 million लोग डायबिटीज की समस्या से पीड़ित है जिसमे से करोड़ो लोग भारत में है. एक रिपोर्ट के मुताबिक 2015 में करीब 1.5 million लोगो की जाने Diabetes के कारण गयी। अक्सर लोग जानकारी के आभाव में कई गंभीर बिमारियों के लक्षण पहचानने में देरी कर देते है और समस्या को बड़ी बना देते है।
यदि भोपाल की बात करें, तो यहां की करीब 20 लाख की आबादी में से 15 हजार लोग ऐसे हैं, जिन्हें ये बीमारी है, पर उन्हें इसकी जानकारी तक नहीं है। इस आबादी में 10 फीसदी यानी दो लाख लोग ऐसे हैं, जिन्हें यह मीठी बीमारी है। ये चौंकाने वाले आंकड़े राष्ट्रीय अर्बन स्वास्थ्य मिशन के तहत हाल ही में हुए सर्वे में सामने आए हैं। ये आकड़ें भी सामने आए…
– 12 से 15% डायबिटीज के मरीज शहरी क्षेत्र में
-05 से सात लाख पीडि़त ग्रामीण क्षेत्रों में
-03 लाख राजधानी में डायबिटीज के शिकार
इंदौर के टोटल हॉस्पिटल डायबिटीज हॉर्मोन इंस्टीट्यूट के डॉक्टर सुनील एम जैन का कहना है कि टाइप-1 डायबिटीज ज्यादातर छोटे बच्चों को होती है। टाइप-2 डायबिटीज का गवर्मेंट ऑफ इंडिया की तरफ से एक सर्वे कराया जा रहा है, जिससे मध्य प्रदेश में डायबिटीज के मरीजों का आकड़ा सामने आएगा। उन्होंने डायबिटीज से बचने के लिए बताया कि अगर फैमली में किसी को ये बीमारी पहले से है तो इसके होने के अधिक चांस होते हैं। इससे बचने के लिए रोजाना 40-50 मिनट तक एक्सरसाइज करें। अपने शरीर के वजन को बहुत अधिक न बढ़ने दे।
WHAT IS DIABETES जब हमारे शरीर की Pancreas (अग्न्याशय) में इंसुलिन का स्त्राव कम हो जाने के कारण खून में ग्लूकोज स्तर समान्य से अधिक बढ़ जाता है तो उस स्थिति को डायबिटीज कहा जाता है। insulin एक हार्मोन (hormone) है जो पाचक ग्रन्थि द्वारा बनता है और जिसकी जरुरत भोजन को एनर्जी बदलने में होती है। इस हार्मोन के बिना हमारा शरीर शुगर का मात्रा को कण्ट्रोल नहीं कर पाता। इस स्थिति में हमारे शरीर को भोजन से ऊर्जा (Energy) लेने में काफी कठिनाई होती है। जब ग्लूकोज का बढ़ा हुआ लेवल हमारे रक्त में लगातार बना रहता है तो यह शरीर के कई अंगो को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देता है जिसमे आँखे, मस्तिष्क, हृदय, धमनियां और गुर्दे प्रमुख है।
TYPES OF DIABETES
वैसे तो डायबिटीज के 6 प्रकार है लेकिन 80 से 90 प्रतिशत लोग डायबिटीज के दो प्रकार से सबसे ज्यादा पीड़ित होते है. यह है – type 1 diabetes और type 2 diabetes
Type 1 diabetes – इस प्रकार की डायबिटीज ज्यादातर छोटे बच्चो या 20 साल के निचे तक के लोगो में पाई जाती है। जब हमारी Pancreas (अग्न्याशय) इंसुलिन नहीं बना पाती तब टाइप 1 डायबिटीज की शुरुआत होती है। इसमें रोगी को अपने खून में ग्लूकोज का लेवल नार्मल बनाय रखने के लिए समय समय पर इंसुलिन के इंजेक्शन लेने पड़ते हैं।
Type 2 diabetes – टाइप 2 डायबिटीज में शरीर के अन्दर इन्सुलिन का निर्माण तो होता है पर वह शरीर की आवश्यकता के अनुसार नहीं होता। दुनियां भर में सबसे ज्यादा लोग इसी प्रकार के मधुमेह से पीड़ित है। यह अनुवांशिक भी हो सकती है और मोटापे के कारण भी।
DIABETES SYMPTOMS
1- भूख का बढ़ना |
2- अगर थकान, असामान्य कमजोरी तथा चिंतित रहना या बेवजह मानसिक तनाव हो तो ये Diabetes symptoms हो सकते है ।
3- Poly urea – पेशाब बार-बार आना |
4- Polydipsia –अधिक प्यास लगना- अत्यधिक मात्र में पेशाब के आने से तथा Tissues में इसको पूरा करने के कारण अधिक प्यास लगना ।
5- Urine के रूप में ज्यादा पानी निकलने के कारण (Dehydration) निर्जलीकरण जिसके कारण जीभ सूख जाती है और होंठ फटने लगते हैं।
6- Weight loss – वजन में कमी आना और घावों को भरने में अधिक समय लगना ।
7- बाह्य जननांगों (external genitalia) के Bacterial infection- बैक्टीरिया के रक्त और पेशाब में मौजूद अतिरिक्त ग्लूकोजपर पनपने के परिणामस्वरूप Skin में खुजली का रहना, त्वचा पर लाल चक्कते अथवा दाने होना ये सभी शुरुवाती Diabetes symptoms हो सकते है इसलिए आपको तुरंत किसी चिकित्सक से सम्पर्क करना चाहिए !
8- चिड़चिड़ापन ,मतली और उल्टी का अहसास होना |
9- उंगलियों में दर्द तथा उंगलियों का सुन्न पड़ जाना अथवा उनमें कपकपाहट का अहसास होना।
10- त्वचा में सूखापन और बार-बार संक्रमण होना |
11- बालों का झड़ना , अधिक मानसिक तनाव से घिरे रहना |
12- आँखों की कोशिकाओं में high blood glucose के प्रभाव के कारण Retinopathy, नज़र में धुंधलापन एवं आंखों की अन्य समस्याएं।
13- महिलाओ में गर्भवस्था से जुड़ी समस्या होना जैसे गर्भ का न ठहरना, गर्भधारण में समस्या होना आदि मधुमेह के लक्षण हो सकते है |
TREATMENT AND PREVENTION
– Diabetes का एक कारण चिंता या तनाव भी है इसलिए जितना हो सके उतना तनाव न ले। इसके लिए आप एक्सरसाइज या मैडिटेशन भी कर सकते है। जितना हो सके उतना physical work करे। अच्छी नींद ले। साथ ही अपने वजन को कंट्रोल में रखे।
– जितना हो सके उतनी balance diet (हरी सब्जियां, अनाज, दाले) ले. फ़ास्ट फ़ूड, घी तेल से बनी चीजे, ज्यादा मीठी चीजे या fat वाले भोजन काफी कम खाए. साथ ही मीठे फलो और जूसो से भी परहेज करे. इसमें आम, लीची, केला, अंगूर, चीकू, शरीफा शामिल है जिन्हें न खाए।
– डायबिटीज के रोगियों को कपालभाति प्राणायाम (Kapalbhati pranayama), अनुलोम विलोम और मंडूकासन करने की सलाह दी जाती है।
– अगर आप डायबिटीज से पीड़ित है तो अपने पैरो की हिफाजत करे। चोट से बचाव के लिए नंगे पैर न चले। साथ ही अगर चोट लगे तो नजरंदाज बिलकुल न करे क्योकि ऐसी स्थिति में इन्फेक्शन फैलने की सम्भावना ज्यादा होती है।
– डायबिटीज के रोगी नियमित रूप से अपने शुगर लेवल की जांच करवाए। साथ ही पैरो में सुन्नपन आने को चेतावनी के रूप में ले।
– बिना किसी डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवाई न ले।