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भोपाल

जानिए कौन थीं खूबसूरत और बहादुर गोंड रानी कमलापति जिनके नाम पर हुआ हबीबगंज स्टेशन का नामकरण ?

रानी कमलापति ने ठुकरा दिया था निजाम शाह के भतीजे आलम शाह का प्रस्ताव। रानी कमलापति के नाम पर हुआ हबीबगंज रेलवे स्‍टेशन का नामकरण। राजपत्र में प्रकाशित।

भोपालNov 13, 2021 / 06:50 pm

Hitendra Sharma

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भोपाल. मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल का हबीबगंज रेलवे स्टेशन भोपाल की आखिरी हिंदू रानी के नाम हो गया है। इस संबंध में मप्र शासन के राजपत्र में प्रकाशित हो गया। जिसमें हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम रानी कमलापति रेलवे स्टेशन किया गया।

वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन हबीबगंज भोपाल पर यात्रियों को एयरपोर्ट जैसी सुविधाओं मिलेगी। इस स्टेशन का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 नवम्बर को करने आ रहे हैं। देश की महान वीरांगनाओं में से एक रानी कमलापति थी, रानी कमलापति के नाम पर भोपाल के हबीबगंज स्टेशन का नाम रखने का फैसले के पीछे रानी की उनकी वीरता और पराक्रम को माना गया है।

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गोंड रानी कमलापति का ये है इतिहास
रानी कमलापति गोंड रानी थीं और 18वीं शताब्दी में गिन्नौरगढ़ की निजाम शाह का शासन था। शाह की खूबसूरत और बहादुर रानी कमलापति थीं। राजा निजाम शाह के भतीजे आलम शाह का शासन बाड़ी पर था। आलम हमेशा निजाम शाह की दौलत और रानी कमलापति को हासिल करना चाहता था। उसने रानी के सामने प्रेम का प्रस्ताव भी रखा, पर रानी ने उसे ठुकरा दिया।

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एक लाख रुपये की कीमत पर मदद
आलम शाह ने अपने चाचा निजाम शाह के खाने में जहर मिलवा कर उसकी हत्या कर दी थी। महल में हुए षड्यंत्र के बाद रानी को महल छोड़ना पड़ा और रानी और उनके बेटे को लेकर भोपाल आ गई। भोपाल में रानी कमलापति महल आज भी है। इतिहासकारों के मुताबिक रानी कमलापति ने मोहम्मद खान से एक लाख रुपये के एवज में मदद की थी।

रानी कमलापति के पास पैसे न होते हुए भी उन्होंने रुपए देने का वादा कर दिया। मोहम्मद खान की सहायता से रानी कमलापति ने बाड़ी पर हमला कर दिया और आलम शाह की हत्या कर बदला ले लिया। जीत के बाद रानी ने मोहम्मद एक लाख रुपये के एवज में भोपाल का एक हिस्सा उसे दे दिया।

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रानी कमलापति की स्मृतियों को अक्षुण्य बनाए रखने निर्णय
भारत सरकार द्वारा 100 करोड़ रुपए की लागत से भोपाल स्थित हबीबगंज रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास किया गया है। इस परियोजना का लोकार्पण 15 नवंबर 2021 को प्रधानमंत्री के करकमलों से किया जाना है। भगवान बिरसा मुंडा की जन्म जयंती 15 नवंबर को भारत सरकार द्वारा जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाए जाने का निर्णय लिया है। दरअसल, सोलवीं सदी में भोपाल क्षेत्र गोंड शासकों के अधीन था। माना जाता है कि उस समय गोंड राजा सूरत सिंह शाह के पुत्र निजाम शाह से रानी कमलापति का विवाह हुआ था। रानी कमलापति ने अपने पूरे जीवन काल में अत्यंत बहादुरी और वीरता के साथ आक्रमणकारियों का सामना किया है। गोंड रानी कमलापति की स्मृतियों को अक्षुण्य बनाए रखने एवं उनके बलिदान के प्रति कृतज्ञता की अभिव्यक्ति स्वरूप 15 नवंबर 2021 को जनजाति गौरव दिवस के उपलक्ष्य में राज्य शासन द्वारा हबीबगंज रेलवे स्टेशन भोपाल का नामकरण रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के रूप में किए जाने का निर्णय लिया गया है।

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