विधानसभा चुनाव के पहले भाजपा सरकार किसानों को वन टाइम सेंटलमेंट का आफर दिया था। यानी कि किसान मूलधन चुकाकर अपने जमीन बंधक से मुक्त कर सकते थे। लेकिन इसी दौरान कांग्रेस सरकार ने कर्ज माफी की घोषणा कर दी। किसानों को लगने लगा था कि उनकी जमीन राजानैतिक वादों के बीच में मुक्त हो जाएगी। लेकिन ये उम्मीदे भी वादे-इरादों के दावपेंचों में ही उलझकर रह गई। ऐसा किसानों को इसलिए लग रहा था क्योंकि एक बार पहले भी सरकार ने किसानों का पूराकर्ज माफ किया था।
582 करोड़ में से सिर्फ 94 करोड़ की वसूली
सरकार ने वन टाइम सेटलमेंट स्कीम लागू की थी। इस दौरान भूमि विकास बैंक को किसानों से 582.5 करोड़ रुपए मूलधन वसूलने के लिए कहा था। चुंकि भूमि विकास बैंक बंद होने की कगार पर खड़ा था, इसके चलते कर्मचारियों ने वसूली नहीं की। इसमें से सिर्फ 94.62 करोड़ रुपए किसानों ने जमा कर अपनी करीब 50 हजार हेक्टेयर जमीन मुक्त कराई थी।