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बंदर हीरा प्रोजेक्ट को अंतरराष्ट्रीय हीरा कंपनी रियो टिंटो ने हाथ में लिया था, लेकिन पर्यावरणीय अनुमति नहीं मिलने के कारण उसने इस प्रोजेक्ट से हाथ खींच लिए थे। बंदर हीरा प्रोजेक्ट का कुल क्षेत्र फल 364 हेक्टेयर है। सरकार ने इसे 50 साल की लीज पर देने के लिए निविदा जारी की है।
20 को छतरपुर जाएगी कंपनियां-
बंदर हीरा प्रोजेक्ट देखने अडानी, वेदांता, फ्यूरा जेम्स, रूंगटा माइंस सहित ५ बड़ी कंपनियां 2० अगस्त को छतरपुर जाएंगी। बकस्वाहा तहसील में दो दिन तक प्रोजेक्ट को देखने और खदान का भ्रमण करने के बाद इन कंपनियों के प्रतिनिधि इस प्रोजेक्ट से निकलने वाले हीरे की क्वालिटी देखने के लिए पन्ना जिले के मालखाने में भी जाएंगे।
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हीरे की गुणवत्ता का अवलोकन करने के लिए इनके साथ टेक्निकल एक्सपर्ट भी रहेंगे। प्री-बिड में शामिल कंपनियों ने बंदर हीरा प्रोजेक्ट को देखने की इच्छा जाहिर की थी। कंपनियों का कहना था कि खदान की जमीनी हकीकत दिखाई जाए, जिससे इस प्रोजेक्ट को लेने के संबंध में कंपनियां अपना निर्णय ले सकें। कंपनियों के प्रतिनिधियों दो दिन तक प्लांट और खदान का भ्रमण कराया जाएगा।
टेंडर में हिस्सा लेने बढ़ाया समय खनिज विभग ने बंदर प्रोजेक्ट के टेंडर में हिस्सा लेने के लिए समय और बढ़ा दिया है। अब नीलामी में कंपनियां 20 सितम्बर तक टेंडर में हिस्सा ले सकेंगी। पहले इसकी समय सीमा २० अगस्त निर्धारित की गई थी।