लिं क रोड एक और दो पर 2007 से अब तक इसी तरह के कामों के लिए करीब 7 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं। एमपी नगर से न्यू मार्केट तक तीन-तीन किमी लंबी इन सडक़ों के किनारे एक करोड़ की लागत से बैंच लगाई थीं। हरियाली को सहेजा गया था। इसके बाद बीआरटीएस प्रोजेक्ट के तहत फुटपाथ के साथ बस स्टॉप का निर्माण किया गया। इसमें भी करोड़ों रुपए खर्च हुए।
प्लेस मेकिंग का काम निचले स्तर पर हो रहा है। स्मार्ट सिटी के तमाम सिविल कामों का जिम्मा एसई रामजी अवस्थी पर है, लेकिन इन्हें इसकी जानकारी ही नहीं है।
प्लेस मेकिंग के तहत न्यू मार्केट में 40 लाख रुपए खर्च कर दो गलियों को रिनोवेट करने की कवायद लंबे समय से की जा रही है। ठेकेदारों की मनमानी से ये काम बेहद धीमा चल रहा है। इसकी गुणवत्ता खराब होने के चलते निर्माण की पोल खुलने लगी है।
एमपी नगर में ज्योति टॉकीज से बोर्ड ऑफिस चौराहा व इससे आगे प्लेस मेकिंग में स्मार्ट स्ट्रीट के तौर पर विकसित किया जा रहा है। बेस का काम लगभग पूरा हो चुका है। 50 फीसदी काम हो चुका है, करीब छह माह में बाकी का काम भी पूरा हो जाएगा।
स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन शहर के अनुपयोगी क्षेत्रों को विकसित करने के लिए प्लेस मेकिंग कर रही है। इसके लिए फिलहाल 25 करोड़ रुपए के काम प्रस्तावित कर रखे हैं। शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में ये काम चल रहे हैं।