आरटीओ ऑफिस से लेगी डाटा
जानकारी के मुताबिक अगर आपके पास अपनी कार है तो आपको एलपीजी सब्सिडी मिलना बंद हो जाएगी। पत्रिका अखबार पर छपी एक रिपोर्ट के अनुसार मोदी सरकार एलपीजी सब्सिडी में खर्च होने वाले पैसे को बचाने के लिए इस प्रस्ताव पर विचार कर रही है। रिपोर्ट से मिली जानकारी के अुनसार पूरा प्रस्ताव तैयार करने के लिए कई जिलों के आरटीओ ऑफिस से डाटा जुटा लिया गया है। सरकार ने अ बतक 3.6 करोड़ फर्जी रसोई गैस कनेक्शन काट कर 30 हजार करोड़ मूल्य की रसोई गैस सब्सिडी बचाई है। देश में अभी 25.11 करोड़ घरेलू रसोई उपभोक्ता हैं।
शुरू हुई तैयारी
यह योजना अभी शुरुआती तौर पर है। सरकार ने इसके लिए कुछ जिलों के क्षेत्रीय परिवहन दफ्तरों (आरटीओ) से कारों के पंजीकरण का ब्योरा मांगा है। अगर यह योजना परवान चढ़ती है तो इससे सरकार को काफी फायदा होगा। मौजूदा समय में वे लोग भी सब्सिडी ले रहे हैं जिनके पास दो या तीन कारें हैं। ऐसे में मोदी सरकार का एलपीजी सब्सिडी का पैसा बचाने के लिए यह कदम उठा सकती है। पिछले साल केंद्र सरकार ने उन लोगों को सब्सिडी के दायरे से बाहर कर दिया था जिनकी सालाना आय 10 लाख रूपए से ज़्यादा है।
चलाया था कैंपेन
इतना ही नहीं मोदी सरकार ने इसके अलावा अपने स्तर पर सब्सिडी छोड़ने के लिए भी लोगों को प्रोत्साहित किया था इसके लिए सरकार ने ‘Give It Up’ कैंपेन भी चलाया था। केंद्र सरकार ने सब्सिडी के लिए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर का विकल्प अपनाकर 3.6 करोड़ फर्जी कनेक्शन पर धावा बोला था। इससे सरकार ने 30 हजार करोड़ रूपए बचाए थे। हालांकि सभी कार मालिकों से सब्सिडी वापस लेना मोदी सरकार के लिए आसान नहीं होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि काम काफी ज़्यादा मुश्किल है इसके लिए कार मालिक और उसके पते और गैस कनेक्शन को वैरिफाई करना होगा।
एचपीसीएल:145 करोड़ रु. का गड़बड़झाला
हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (एचपीसीएल) के प्रदेश में 22 लाख 16 हजार 708 उपभोक्ता हैं। इनमें 15 लाख 83 हजार 415 डीबीटीएल से जुड़े हैं। 25,364 ने सब्सिडी ऑप्ट आउट स्कीम अपनाई। यानी 16 लाख 8 हजार 779 उपभोक्ताओं ने डीबीटीएल और सब्सिडी ऑप्ट आउट स्कीम अपनाई। शेष 6,07,929 उपभोक्ता एनसीटीसी हो गए। 2400 रुपए सालाना सब्सिडी के मान से सालभर में इनके नाम 145 करोड़ 90 लाख 29 हजार 600 रुपए की अवैध सब्सिडी जारी की गई।
बीपीसीएल : 84 करोड़ का घालमेल
भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (बीपीसीएल) के 3 लाख 50 हजार उपभोक्ता एनसीटीसी हैं। प्रतिवर्ष 2400 रुपए के मान से इन्हें 84 करोड़ रुपए अवैध सब्सिडी के रूप में बांट दिए गए।
सब्सिडी चोरी के कैसे-कैसे हथकंडे
फर्जी उपभोक्ताओं के नाम कनेक्शन जारी कर इन पर सब्सिडी वाले सिलेंडर जारी करना। जो उपभोक्ता कनेक्शन इस्तेमाल नहीं कर रहे, उनके कनेक्शन चालू रखना और सब्सिडी वाले सिलेंडर जारी करते रहना। जो उपभोक्ता बिना सूचना अन्यत्र चले गए, उनका भी कनेक्शन चालू रखना। जिन उपभोक्ताओं की मौत हो चुकी है और उनके परिजन कनेक्शन इस्तेमाल नहीं कर रहे, उनके कनेक्शन को चालू रखना और उन पर सिलेंडर आपूर्ति जारी रखना। आयकर चोरी भी की कैश मेमो के न होने पर पैसा बुक वैल्यू में न गिनकर काली कमाई की गई। इससे एक ओर जहां गैस कंपनी और एजेंसी संचालकों ने करोड़ों कमाए। वहीं, आयकर की चोरी भी की जा रही है।