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ये होगा नियम से लाभ
इस व्यवस्था के लागू होने के बाद मध्य प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य बन जाएगा, जहां ‘स्वास्थ्य का अधिकार’ कानून लागू होगा और इसी के आधार पर प्रदेश की जनता के साथ न्याय किया जाएगा। इस कानून को लागू करने के लिए पिछले साल एक व दो नवंबर को बैठक भी हो चुकी है। इसके बाद से अब ड्रॉफ्ट तैयार करने को लेकर पहली बैठक हुई है। बैठक में शामिल विशेषज्ञों का कहना है कि, सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध हर स्तर के इलाज, जांच, दवा आदि की सूची बनाई जाएगी, जिसके तहत मरीजों को हर संभव इलाज देना जरूरी होगा। बैठक में पीएचएफआई के प्रेसीडेंट डॉ. के श्रीनाथ रेड्डी, पूर्व केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव सुजाता राव, स्वास्थ्य अधिकार मंच के डॉ. अमूल्य निधि, स्वास्थ्य संचालक डॉ. जे विजय कुमार शामिल हुए थे।
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ड्रॉफ्ट में यह प्रावधान करने को लेकर चर्चा
– जिला व राज्य स्तर पर सलाहकार समितियां व सचिव स्तर के अधिकारियों की सदस्यता में बोर्ड बनेगा।
-ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा। यहां-अमीर गरीब सभी को चुनिंदा बीमारियों का इलाज मुफ्त मिलेगा।
– आम लोगों की भागदारी बढ़ाई जाएगी। इसके लिए पंचायत स्तर पर स्वास्थ्य समिति बनेगी।
– निजी अस्पतालों व गैर सरकारी संगठनों की मदद ली जाएगी।
-स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले दूसरे विभागों जैसा पर्यावरण, नगरीय प्रशासन, पीएचआई आदि के अफसरों भी एक कमेटी बनेगी।