हाईकोर्ट ने कहा कि सीधी फ्लाइट न होने के कारण न्यायाधीशों को पहले दिल्ली और उसके बाद भोपाल पहुंचना पड़ता है। इससे यात्रा लंबी हो जाती है। इसमें काफी अधिक समय लगता है। अदालत ने शिलांग में पर्यटन के महत्व को बताया। सुझाव दिया कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अधिक छोटे विमान उपलब्ध कराए जाने चाहिए।
दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, रायपुर, इंदौर, गोवा, उदयपुर, जयपुर।
गौरतलब है कि भोपाल में राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी (national judicial academy) है। यहां देशभर के जजों की ट्रेनिंग से लेकर कई कार्यक्रम आयोजित होते रहते हैं। न्यायिक अकादमी में जजों के ट्रेनिंग कार्यक्रम भी लगातार होते हैं। इसलिए फ्लाइट की कनेक्टिविटी कम होने से मेघालय से आने वाले जजों को कई फ्लाइट बदलकर आना-जाना पड़ता है। इसमें उनका समय भी काफी बर्बाद होता है।