भोपाल

जिस बीजेपी MLA की खदानें MP में हुई हैं सीज, उनके पास है खुद का हेलिकॉप्टर, कांग्रेस छोड़ने पर BJP ने दिया था ‘इनाम’

जानिए, कांग्रेस छोड़ कभी बीजेपी में क्यों आए थे संजय पाठक

भोपालJun 09, 2019 / 02:33 pm

Pawan Tiwari

भोपाल. मध्यप्रदेश की सरकार ने जबलपुर में पूर्व मंत्री संजय पाठक की मां निर्मला पाठक के नाम पर आवंटित दो खनिज खदानों को सीज कर दिया है। इनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में केस लगा है। इसमें वन वन भूमि पर नियमों के खिलाफ खनन करने की शिकायत है। पाठक पिछली सरकार में सूक्ष्म और लघु उद्योग राज्य मंत्री थे। वे मध्यप्रदेश के सबसे रईस विधायक भी हैं। इनके पास लग्जरी कारों का काफिला के साथ खुद का हेलिकॉप्टर भी है।

दरअसल, जबलपुर के सिहोरा तहसील में अगरिया और दुबियारा में मेसर्स निर्मला मिनरल्स को दो खदान मिली है। यह कंपनी संजय पाठक की मां निर्मला पाठक की है। मामले में सुप्रीम कोर्ट में केस है कि वनभूमि पर नियम विरुद्ध खनन किया गया है। अगली सुनवाई जुलाई में होना है।
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खदान के लिए ही छोड़ा था कांग्रेस
कहा जाता है कि संजय पाठक ने बीजेपी में जाने का फैसला खदानों को बचाने के लिए ही किया था। तब संजय कांग्रेस के टिकट पर लगातार विधायक बन रहे थे। लेकिन प्रदेश में सत्ता भाजपा की थी। ऐसे में उनके खदानों के खिलाफ केस खुलते जा रहे थे। इसलिए जब 2013 में भी भाजपा आ गई तो कुछ समय बाद ही संजय भाजपा में पहुंच गए थे।
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मिला इनाम
2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी शिकस्त के बाद संजय पाठक कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आ गए थे। उन्होंने विधायक पद से भी इस्तीफा दे दिया था। उपचुनाव में वे भाजपा के टिकट पर चुनाव जीते थे। फिर राज्यमंत्री भी बने। संजय की मां निर्मला पाठक कटनी की महापौर रह चुकी हैं। उनका पूरा परिवार कांग्रेसी रहा है। इसलिए संजय के कांग्रेस में भी अच्छे रिश्ते रहे हैं।
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खुद का है हेलिकॉफ्टर
संजय पाठक के पास खुद का हेलिकॉप्टर भी है। उसी के जरिए वह यात्रा भी करते हैं। संजय के बेटे यश पाठक ने हेलिकॉप्टर में बैठे अपने पिता की तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की थी। संजय पाठक ने उत्तराखंड में आई त्रासदी के दौरान बचाव कार्य के लिए अपना हेलिकॉप्टर मुहैया करा सुर्खियों में आए थे। इसके लिए उन्हें उत्तराखंड की सरकार ने सम्मानित भी किया था।
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अकूत संपत्ति के हैं मालिक
संजय पाठक के पास अकूत संपत्ति भी है। वह मध्यप्रदेश से बीजेपी के सबसे अमीर विधायक हैं। उनके पास करीब दो सौ पच्चीस करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति है। चुनावों के दौरान उनकी संपत्ति की चर्चा भी खूब हुई थी। क्योंकि 2013 में उनकी संपत्ति 121.32 करोड़ रुपये की थी। वहीं 2018 में 222.54 करोड़ रुपये की हो गई। यानी पांच साल में संजय पाठक की संपत्ति 104.2 करोड़ रुपये बढ़ी।
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हवाला कांड में उछला था नाम
मध्यप्रदेश के कटनी जिले में जब 500 करोड़ रुपये के हवाला कारोबार का खुलासा हुआ था। तब भी संजय पाठक के पिता के नाम से रजिस्टर्ड कंपनी का नाम सामने आया था। सरावगी बंधुओं द्वारा किए 500 करोड़ के हवाला करोबार में जो दस्तावेज मिले थे, उसमें आनंद माइनिंग कॉरपोरेशन का नाम भी शामिल था। यह कंपनी संजय पाठक के पिता सत्येंद्र पाठक के नाम पर रजिस्टर्ड था। उन्होंने एक इंटरव्यू में स्वीकार भी किया था कि यह उऩ्हीं का फर्म है।
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एसपी का हो गया था तबादला
हवाला कांड उजागर होने के बाद वहां के तत्कालीन एसपी गौरव तिवारी का वहां से तबादला हो गया था। विजय राघौगढ़ से विधायक और शिवराज सरकार में मंत्री रहे संजय पाठक पर ही इसका आरोप लगा था कि उन्होंने खुद को बचाने के लिए एसपी का तबादला करवाया है। उस वक्त इसे लेकर खूब हंगामा हुआ था।
 

12 देशों में फैला है कारोबार
संजय पाठक का कारोबार सिर्फ मध्यप्रदेश में ही नहीं है बल्कि दुनिया के कई देशों में फैला हुआ है। जिसमें इंडोनेशिया स्थित उनका माइन्स भी शामिल है। संजय मध्यप्रदेश के नेशनल पार्क जैसे-कान्हा, इसके साथ ही खजुराहो में सायना नाम से हेरिटेज होटल्स की चेन है। वहीं, आयरन, बॉक्साइट, कोल और माइन्स के कई ठेके उन्होंने ले रखे हैं।
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ग्लैमरस लुक
संजय पाठक रॉयल जिंदगी जीते हैं। वह अपने ग्लैमरस लुक को लेकर भी काफी चर्चा में रहते हैं। उनके फेसबुक पेज पर जाएंगे तो उनके कई रूप देखने को मिलेंगे। लोगों के बीच वह बाइक से भी पहुंच जाते हैं। शादी-विवाहों में शाही लुक में नजर आते हैं। अपने ग्लैमरस अवतार में वह बॉलीवुड अभिनेताओं को भी टक्कर देते हैं।
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