जबलपुर कलेक्टर ने इसके संबंध में आदेश जारी कर दिया है। इस फर्म की जांच के लिए अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) सिहोरा, अनुविभागीय अधिकारी (वन) सिहोरा, प्रभारी अधिकारी (खनिज शाखा) जबलपुर, तहसीलदार सिहोरा, नयाब तहसीलदार मझगवां और राजस्व निरीक्षक मझगवां एवं संबंधइत हल्का पटवारी को शमिल किया गया है। उनकी कंपनी पर अवैध खनन के आरोप हैं।

दरअसल, सिहोर से विधायक संजय पाठक मध्यप्रदेश में खनन का काम करते हैं। उनके ऊपर अवैध खनन के आरोप लगते रहे हैं। वे शिवराज सिंह के शासन काल में राज्य मंत्री थे। संजय पाठक विजयराघवगढ़ से विधायक हैं। बीच-बीच में पार्टी से उनकी नाराजगी भी सामने आती रही है।

लोकसभा चुनावों के दौरान संजय पाठक को लेकर कई तरह की बातें सामने आईं थी। यह कयास लगाया जा रहा था कि वे पाला बदलकर कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। क्योंकि पूर्व में कांग्रेस छोड़कर ही बीजेपी में शामिल हुए थे।
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अकूत संपत्ति के हैं मालिक
संजय पाठक के पास अकूत संपत्ति भी है। वह मध्यप्रदेश से बीजेपी के सबसे अमीर विधायक हैं। उनके पास करीब दो सौ पच्चीस करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति है। चुनावों के दौरान उनकी संपत्ति की चर्चा भी खूब हुई थी। क्योंकि 2013 में उनकी संपत्ति 121.32 करोड़ रुपये की थी। वहीं 2018 में 222.54 करोड़ रुपये की हो गई। यानी पांच साल में संजय पाठक की संपत्ति 104.2 करोड़ रुपये बढ़ी।

संजय पाठक के पास अकूत संपत्ति भी है। वह मध्यप्रदेश से बीजेपी के सबसे अमीर विधायक हैं। उनके पास करीब दो सौ पच्चीस करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति है। चुनावों के दौरान उनकी संपत्ति की चर्चा भी खूब हुई थी। क्योंकि 2013 में उनकी संपत्ति 121.32 करोड़ रुपये की थी। वहीं 2018 में 222.54 करोड़ रुपये की हो गई। यानी पांच साल में संजय पाठक की संपत्ति 104.2 करोड़ रुपये बढ़ी।