इन 24 सीटों में छिपी सत्ता की ‘चाबी’
जिन 24 सीटों पर उपचुनाव (mp by election 2020) होने अगर उनकी बात करें तो उनमें जौरा, सुमावली, मुरैना, दिमनी, अंबाह, मेहगांव, गोहद, सुरखी, ग्वालियर, ग्वालियर पूर्व, डबरा, भांडेर, करेरा, पोहरी, बामोरी, अशोकनगर, मुंगावली, अनूपपुर, सांची, आगर, हाटपिपल्या, सुवासरा, बदनावर और सांवेर शामिल हैं।
22 सीटों पर विधायकों ने दिया इस्तीफा
मध्यप्रदेश में 24 सीटों पर होने वाले उपचुनाव (by election) में 22 सीटें ऐसी हैं जिन पर विधायकों के इस्तीफा देने के कारण उपचुनाव होगा। जौरा और आगर को छोड़ दें तो बाकी बची 22 सीटें ऐसी हैं जिनके विधायक कमलनाथ सरकार को छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए हैं और उन्होंने विधायकी से इस्तीफा दे दिया है।
सिंधिया के समर्थन में छोड़ी विधायकी
ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने के बाद मध्यप्रदेश की 22 सीटों के विधायकों ने भी कांग्रेस का हाथ छोड़ दिया और कमल थाम लिया। एक साथ 22 विधायकों के इस्तीफे से प्रदेश की कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई और सत्ता खो बैठी। जिन विधायकों ने सिंधिया के समर्थन में पार्टी छोड़ी उनके नाम एंदल सिंह कंषाना (सुमावली), प्रद्युम्न सिंह तोमर (ग्वालियर), इमरती देवी (डबरा), महेन्द्र सिंह सिसौदिया (बमोरी), गोविंद सिंह राजपूत (सुरखी), प्रभुराम चौधरी (सांची), तुलसीराम सिलावट (सांवेर), रघुराज कंषाना (मुरैना), गिर्राज डण्डौतिया (दिमनी), कमलेश जाटव (अंबाह), ओपीएस भदौरिया (मेहगांव), रणवीर जाटव (गोहद), मुन्नालाल गोयल (ग्वालियर पूर्व), रक्षा संतराम सरौनिया (भांडेर), जसमंत जाटव छितरी (करेरा), सुरेश धाकड़ (पोहरी), जजपाल सिंह जज्जी (अशोकनगर), बृजेन्द्र सिंह यादव (मुंगावली), बिसाहूलाल साहू (अनूपपुर), मनोज नारायण सिंह चौधरी (हाटपिपल्या), राजवर्धन सिंह दत्तीगांव (बदनावर), हरदीप सिंह डंग (सुवासरा) हैं। इनमें से तुलसीराम सिलावट, गोविंद सिंह, प्रभुराम चौधरी, इमरती देवी, प्रद्युम्न सिंह तोमर और महेन्द्र सिंह सिसौदिया तो कमलनाथ सरकार में मंत्री भी थे।
जौरा और आगर में भी उपचुनाव
जौरा और आगर सीट पर भी उपचुनाव होने हैं, जौरा से कांग्रेस के बनवारी लाल शर्मा विधायक थे जिनका कैंसर की बीमारी के चलते दिसंबर में देहांत हो गया था। आगर सीट मनोहर ऊंटवाल के निधन के बाद रिक्त हुई है। ऐसे में अब इन दोनों सीटों पर भी उपचुनाव होने हैं।