माना जा रहा था कि वीके सिंह के हटने के बाद राजेंद्र सिंह नएडीजीपी बन सकते हैं। सूत्रों के अनुसार राजगढ़ कलेक्टर निधि निवेदिता के थप्पड प्रकरण की जांच पर डीजीपी ने सीएम से कहा कि आपको फीडबैक गत मिला है। मैंने सिर्फ जांच रिपोर्ट फारवर्ड की है।
इधर, तबादला आवेदनों से परेशान पीएचक्यू पुलिस मुख्यालय और यहां पदस्थ आला अधिकारी तबादलों से तंग आ गए हैं। एडीजी प्रशासन कैलाश मकवाणा इस भांति परेशान हैं कि उन्होंने सभी एसपी और डीआईजी इंदौर-भोपाल को सख्त लहजे में पत्र जारी कर दिया है। उन्होंने पत्र लिखकर तबादलों के लिए हर कभी पीएचक्यू में उपस्थित होने की प्रवृत्ति को अनुचित बताया और कहा कि बिना अनुमति के पुलिसकर्मी सीधे एडीजी प्रशासन के पास उपस्थित हो रहे हैं।
उन्होंने खेद भी जताया कि यह प्रवृत्ति उचित नहीं है और इसे सुधारने की आवश्यकता है। अनावश्यक कारणों से तबादले की गुजारिश लेकर बार-बार एडीजी के पास पहुंचने से प्रशासन शाखा का भी काम प्रभावित हो रहा है और वे जहां पदस्थ हैं वहां का काम भी प्रभाावित हो रहा है।
इसलिए अपने नियंत्रणकर्ता अधिकारियों की अनुमति के बिना मेरे पास न पहुंचे। एसपी को कहा कि अपने स्तर पर ही आवेदनों की छानबीन कर ली जाए कि वे निर्धारित मापदंडों/पात्रता पूरी कर रहे हैं अथवा नहीं। यदि कोई विशिष्ठ कारण हों, और कार्यालय प्रमुख ने अनुशंसा कर दी हों तो ही एडीजी प्रशासन के पास भेजे जाएं।
अपने अमले को भी मिलने की मनाही यही नहीं तबादलों से परेशान एडीजी मकवाणा ने अपने अधीन पदस्थ अमले को भी स्पष्ट निर्देश दे दिए कि वे भी अपने नियंत्रणकर्ता अधिकारी की टीप/अनुमति के साथ ही तबादलों को लेकर गुजारिश करें। उन्होंने लिखा कि अधिकांश तबादलों के आवेदनों में माता-पिता के वृद्ध होने के कारण बताए जाते हैं, जबकि कई प्रकरणों की पड़ताल करने पर पता चलता है कि आवेदक का बड़ा परिवार है और अन्य भाई-बहन है जो उनकी देखभाल कर सकते हैं, लेकिन मां-बात को आगे करके तबादला करवाना चाहते हैं, यह प्रवृत्ति ठीक नहीं है।
यह भी लिखा पत्र में
– इकाई प्रमुख की अनुमति के बिना पीएचक्यू में हाजिर नहीं होवे।
– एक सप्ताह में दो-दो बार आमद देकर आवेदन की प्रगति के बारे में जानकारी लेने लगते हैं – बिना अनुमति के ही थाना/ जगह छोडकऱ पीएचक्यू पहुंच रहे हैं।
– बिना ठोस/ विशिष्ठ कारणों के तबादलों के लिए बार-बार आग्रह करते हैं, यह प्रवृत्ति ठीक नहीं है।
– प्रशासन शाखा में समय खराब होता है। काम प्रभावित होत है।
यह नोटिस किया गया है कि कई पुलिस अधिकारी-कर्मचारी इकाई प्रमुख की अनुमति के बिना स्थानांतरण के लिए सीधे एडीजी-पीएचक्यू उपस्थित हो रहे हैं। कई के न तो विशिष्ट कारण रहते हैं और न ही वे निर्धारित मापदंड पूरे करते हैं। इससे प्रशासन शाखा में अनावश्यक समय खराब होता है। यह स्थिति उचित नहीं है।
– कैलाश मकवाणा, एडीजी, प्रशासन (जैसा उन्होंने पत्र में लिखा)