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भोपाल

इतनी सतर्कता कि सोशल मीडिया से सड़क तक पर पैनी नजरें जमाए है पुलिस

हाइ अलर्ट पर पुलिस

भोपालApr 08, 2018 / 10:11 am

dinesh Binole

news

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भोपाल. राजधानी में आगामी 10 व 14 अप्रैल को होने वाले आयोजनों को लेकर चल रही तमाम तरह की अफवाहों पर लगाम लगाने पुलिस सक्रिय हो गई है। इस बीच शहर में होने वाले हर आयोजन-आंदोलन, बैठकों पर पुलिस की पैनी नजर रहेगी। इसके लिए पुलिस ने एक बड़ा मुखबिर तंत्र शहर में सक्रिय कर दिया है, जो हर गतिविधि पर नजर रखेगा। अशांति फैलाने की साजिश-प्रयास का इनपुट मिलते ही पुलिस ऐसे लोगों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करेगी। इतना ही नहीं पुलिस ने सीसीटीवी सर्विलांस, सोशल मीडिया पर भी ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने पेट्रोलिंग तेज कर दी है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वह किसी तरह के बहकावे में नहीं आएं।

भ्रामक पोस्ट डालने वाले 10 को नोटिस
पुलिस के वाट्सएप मॉनिटरिंग सेल ने 10 अप्रैल को भारत बंद को लेकर सोशल मीडिया में भ्रामक मैसेज डालने वाले 10 लोगों को नोटिस जारी किया है। इन सोशल मीडिया यूजर्स से पुलिस पूछताछ कर आगे की कार्रवाई करेगी। इसके अलावा फेसबुक पर आरक्षक विरोधी नामक फेसबुक पेज पर भी पोस्ट की जा रही हैं, उनकी जांच भी सेल ने शुरू कर दी है। पुलिस का कहना कि ऐसे लोगों पर आईटीएक्ट समेत विभिन्न धाराओं पर मामला दर्ज कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
10 व 14 अप्रैल को कुछ संगठनों ने आयोजनों का आह्ववान किया है। इसको लेकी कई असामाजिक तत्व तरह-तरह की अफवाह फैलाने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसे लोगों पर
सख्त कार्रवाई की जा रही है। हमारी अपील है कि आम जनता अफवाह पर ध्यान नहीं दे।
जयदीप प्रसाद, आईजी
सीएस बोले – 10 अप्रैल का बंद सिर्फ सोशल मीडिया पर फैलाई हुई अफवाह
ग्वालियर. मुख्य सचिव बसंत प्रताप सिंह ने शनिवार को कहा कि ग्वालियर में 2 अप्रैल को जो कुछ हुआ उसकी वजह सोशल फैब्रिक टूटना है। सबको मिलकर इससे बाहर निकलना होगा। उन्होंने कहा कि अब लोग 10 तारीख के बंद को लेकर लोग चिंता में हैं, लेकिन यह बंद तो सिर्फ सोशल मीडिया पर फैलाई हुई अफवाह है। बंद के लिए अभी तक किसी संगठन, राजनीतिक दल ने सामने आकर इजाजत नहीं मांगी है। लोग निश्चिंत रहें, १० तारीख को कोई बंद नहीं होगा।

पुलिस और प्रशासन हर बात पर नजर रखेगा। मुख्य सचिव मोती महल में जनता और जनप्रतिनिधियों रूबरू थे। 2 अप्रैल को भारत बंद के दौरान शहर में हुए उपद्रव के बाद डीजीपी ऋषि कुमार शुक्ला के साथ सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने आए सीएस सिंह ने कहा, उपद्रव का तानाबाना बुनने वालों और इसमें शामिल उत्पातियों को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह किसी धर्म, जाति और समुदाय का हो। जो हो गया उसे वापस नहीं लाया जा सकता, लेकिन यह दोबारा एेसी घटना नहीं होगी। उन्होंने कहा, मैं यहां कलेक्टर रहा हूं। डीजीपी भी इसी शहर के रहने वाले हैं।

हम दोनों जानते हैं यह
शांति प्रिय शहर है। जातिगत आधार पर बैर रखना ठीक नहीं है, सबको मिलकर इससे बाहर आना होगा। वहीं शनिवार को ग्वालियर, भिंड और मुरैना के सभी कफ्र्यूग्रस्त क्षेत्रों में शांति का माहौल बना रहा। कफ्र्यू में ढील के दौरान कहीं कोई अप्रिय घटना नहीं हुई।

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