मशहूर सितार वादक पंडित शिवालक तिवारी के दामाद विजय दुबे ने हाल ही में खुदकशी कर ली। उनकी खुदकुशी के दो दिन बाद जो खौफनाक सच सामने आया है उसने सभी को सन्न कर दिया है। उनके पारिवारिक मित्र ने दावा किया है कि मृतक विजय दुबे कुछ समय से खौफ में जी रहे थे। वे हर रोज खौफनाक सपने देखा करते थे। उन्हें सपने में एक महिला अक्सर आकर कहती थी -चलो मेरे साथ चलो। इस बात का जिक्र विजय अपनी पत्नी रमा से भी करते रहते थे।
केरवा डेम के पास स्थित समसगढ़ की गौशाला में विजय दुबे (50) ने फांसी का फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली। रातीबड़ पुलिस के मुताबिक प्रारंभिक जांच में सामने आया था कि घटना के पहले उन्होंने अपनी पत्नी को साथ ले जाने से मना कर दिया था। उनका कहना था कि वे पूजा करने के लिए जा रहे हैं।
विजय के पारिवारिक मित्र उमाशंकर तिवारी ने पुलिस को बताया कि रमा को वे बहन मानते हैं। विजय कुछ समय से भगवान की पूजा-अर्चना कुछ ज्यादा करने लगे थे। सुबह साढ़े तीन बजे उठकर भी पूजा करने लगते थे और मंगलवार-शनिवार को हनुमानजी का चोला चढ़ाते थे।
उनकी पत्नी रमा के मुताबिक विजय हमेशा कहते थे कि उन्हें सपना आता है। एक महिला हमेशा सपने में आकर उन्हें कहीं चलने का कहती है। उमाशंकर के मुताबिक पहले उन्हें विजय की खुदकुशी करने के पीछे संदेह था, लेकिन अब परिस्थितियों को देखते हुए संदेह नहीं है।
उमाशंकर के मुताबिक विजय और रमा के कोई संतान नहीं है। इसी कारण वे जानवरों से ज्यादा प्रेम करने लगे थे। यह भी पता चला है कि उन्होंने गौशाला के जानवरों के नाम इंसानों के नाम पर रख दिए थे। वे उन्हें अपना बेटा और बेटी मानने लगे थे।