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राजकीय सम्मान के साथ शहीद जवान को दी अंतिम विदाई, हर आंख हुई नम

राजकीय सम्मान के साथ शहीद जवान को दी अंतिम विदाई, हर आंख हुई नम

भोपालApr 06, 2019 / 06:37 pm

Manish Gite

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भोपाल। छत्तीसगढ़ में हुई नक्सली और सीआरपीएफ जवानों के बीच हुई मुठभेड़ में शहीद हुए भोपाल के जवान हरीशचंद्र पाल को शनिवार को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दे दी गई। उनकी अंतिम यात्रा में कई बड़े नेताओं समेत बड़े अफसर भी शामिल हुए थे। शहीद जवान के 14 साल की बेटी मिष्ठी ने अपने पिता को मुखाग्नि दी। यह दृश्य देख हर किसी की आंखें नम हो गईं। हरीशचंद्र पाल की शहादत पर अनेक लोग देशभक्ति के नारे लगा रहे थे, वहीं कई लोग हरीशचंद्र अमर रहें के नारे लगा रहे थे।

इससे पहले शनिवार को जैसे ही उनका शव भोपाल पहुंचा, पूरे शहर में शोक की लहर दौड़ गई। भारी संख्या में लोग हरीशचंद्र के अंतिम दर्शन करने के लिए उमड़ पड़े। शहीद जवान को अंतिम विदाई देने के लिए बड़ी संख्या में बड़े नेता भी अंतिम विदाई देने पहुंचे। शहीद का अंतिम संस्कार किया गया। शहीद पिता को उनकी 14 साल की बेटी मिष्ठी ने मुखाग्नि दी।

 

LIVE

2.45 PM

शहीद जवान की 14 साल की बेटी मिष्ठी ने अंतिम संस्कार की रस्म निभाई। यह दृश्य देख सभी की आंखें नम हो गईं।

2.30 PM

शहीद जवान के अंतिम दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे।

2.29 PM

सुभाष नगर विश्राम घाट पर शहीद जवान हरीशचंद्र को गार्ड आफ आनर दिया गया।

यहां देखें अंतिम विदाई live

https://www.facebook.com/bhopalpatrika/videos/326662241352735/

पूर्व सीएम शिवराज, जनसंपर्क मंत्री और सांसद भी पहुंचे
इससे पहले रेलवे स्टेशन पर जैसे ही हरीशचंद्र पाल का शव रेलवे स्टेशन पहुंचे, वहां पहले से ही प्रदेश के जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा समेत कई नेता पहुंच गए थे। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, भोपाल सांसद आलोक संजर, गोविंदपुरा विधायक कृष्णा गौर समेत कलेक्टर सुदाम खाड़े, डीआईजी इरशाद वली, समेत कई अधिकारी पहुंच गए थे।

 

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सीआरपीएफ में तैनात थे पाल
छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के खल्लारी और बोराई थान के बीच साल्हेभाटा के जंगल में शुक्रवार सुबह सीआरपीएफ जवानों और माओवादियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। इस दौरान सीआरपीएफ की 211वीं बटालियन में तैनात हरीशचंद्र पाल को भी गोली लगी थी।

सेवानिवृत्ति लेने वाले थे पाल
हरीशचंद्र पाल के परिजनों ने बताया कि उन पर देशसेवा का ऐसा जुनून था कि घरवाले दो साल से उन्हें वीआरएस लेने के लिए कह रहे थे, लेकिन वे तैयार नहीं हो रहे थे। कई बार उन्होंने वीआरएस के लिए आवेदन भी किया, लेकिन अफसरों से मना कर देते थे। इस फायरिंग में बिहार निवासी सुधीर कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए थे।

 

मुझे करनी है मातृभूमि की सेवा
बचपन से ही देशसेवा का जुनून था। भविष्य संवारने की राह में जब हरीशचंद्र के कदम बढ़े तो टीवी सीरियलों में एक्टिंग के लिए हाथ आजमाने लगे। मगर, देश की रक्षा का जुनून बरकरार रहा। वर्ष 1996 में उन्होंने एक्टिंग ठुकरा कर कदम बार्डर की तरफ बढ़ा लिए। जज्बा ऐसा कि दो साल से परिजन वीआरएस के लिए कहते रहे, लेकिन हरीशचंद्र पाल देशविरोधी ताकतों से लोहा लेते रहे। इस गुण ने उन्हें सब का चहेता बना दिया। अफसर भी नहीं चाहते थे कि वे वीआरएस ले।
पीयूष नगर योजना होम्स अवधपुरी निवासी सीआरपीएफ हवलदार हरीशचंद्र पाल का पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन करने के लिए आज हजारों लोग उमड़ पड़े। हरीश ने भोपाल से ही पढ़ाई की थी, यहीं से चयनित हुए। पत्नी लक्ष्मी भेल महिला समिति में कार्यरत है। 12 साल की इकलौटी बेटी श्लेषा (मिष्ठी) सातवीं कक्षा में पढ़ रही है।

हर रोज बात करते थे बेटी से
हरीश के परिजनों ने बताया कि वे हर दिन अपनी बेटी और पत्नी से बात करते थे। एक दिन पहले गुरुवार रात को भी उन्होंने दोनों से बात की थी। हरीशचंद्र पाल ने बेटी से पूछा था कि वह स्कूल जा रही है या नहीं। पढ़ाई मन लगाकर करना।

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