scriptएनजीटी का आदेश-भोपाल इंसीनरेटर 3 माह में ले पर्यावरणीय अनुमति | ngt order | Patrika News
भोपाल

एनजीटी का आदेश-भोपाल इंसीनरेटर 3 माह में ले पर्यावरणीय अनुमति

एनजीटी ने डिस्पोज ऑफ किया प्रकरण

भोपालOct 17, 2018 / 09:13 am

सुनील मिश्रा

natioanal green trinunal

इस राज्य में नहीं हो रही पर्यावरण से जुड़े किसी भी मामले की सुनवाई, महीनों से ठप है NGT व्यवस्था

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने गोविंदपुरा में संचालित भोपाल इंसीनरेटर लिमिटेड को 3 महीने में पर्यावरणीय अनुमति (ईसी) लेने का आदेश दिया है। इंसीनरेटर संचालकों की तरफ से लगाई गई याचिका को खारिज कर दिया गया।
ईसी में ही यह भी देखा जाएगा गोविंदपुरा में इंसीनरेटर संयंत्र से कितना प्रदूषण हो रहा है और इसे रहवासी क्षेत्र के बाहर शिफ्ट करने की जरूरत का भी परीक्षण होगा।

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की दिल्ली स्थित प्रिंसिपल बेंच ने मंगलवार को बलवंत सिंह रघुवंशी द्वारा दायर याचिका पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा सुनवाई की। सुनवाई के दौरान ट्रिब्यूनल ने भोपाल इंसीनरेटर की तरफ से ईसी की अनिवार्यता लागू नहीं होने संबंधी रिव्यू पिटीशन को खारिज कर दिया।
इसके साथ एनजीटी ने आदेश दिया कि इंसीनरेटर के लिए पर्यावरणीय अनुमति लेना जरूरी है। भोपाल इंसीनरेटर लिमिटेड को इंपेक्ट असेसमेंट कराकर 3 माह में ईसी हासिल करने का आदेश दिया गया है।

याचिकाकर्ता के एडवोकेट धर्मवीर शर्मा ने आसपास के रहवासी क्षेत्र का हवाला देते हुए इंसीनरेटर संयंत्र को शहर से बाहर शिफ्ट करने की मांग रखी। ट्रिब्यूनल ने ईसी में ही इसका परीक्षण कराने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही एनजीटी ने इस प्रकरण को डिस्पोज ऑफ कर दिया।
पहले आवेदन किया लेकिन नहीं मिली ईसी

भोपाल इंसीनरेटर द्वारा इसके पहले एनजीटी के निर्देश पर ईसी के लिए आवेदन किया गया था। लेकिन यहां तमाम पर्यावरणीय मानकों का उल्लंघन होने के कारण ईसी नहीं मिली थी। अब फिर से इसके लिए आवेदन करना होगा।
इसके साथ इंपेक्ट असेसमेंट भी कराना होगा। यहां पर क्षमता से अधिक बायोमेडिकल वेस्ट पहुंच रहा है। यहां कर्मचारियों की सुरक्षा के इंतजाम नहीं होने के कारण कुछ कर्मचारियों को गैंगरीन जैसी घातक बीमारी भी हो चुकी है। इन कर्मचारियों को एनजीटी ने ही मुआवजा दिलाया था।
इंसीनरेटर के पास मानकों के अनुसार जमीन ही नहीं

ट्रिब्यूनल में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से यह भी बताया गया कि गोविंदपुरा में भोपाल इंसीनरेटर के पास पर्याप्त जमीन भी नहीं है। मापदंडों के अनुसार कॉमन फेसिलिटी के लिए कम से कम 1 एकड़ जमीन होना चाहिए।
लेकिन भोपाल इंसीनरेटर के पास सिर्फ 15 हजार वर्ग फीट जमीन ही उपलब्ध है। इससे भी यहां पर सभी व्यवस्थाएं ठीक से सुनिश्चित नहीं हो पा रही हैं।

Home / Bhopal / एनजीटी का आदेश-भोपाल इंसीनरेटर 3 माह में ले पर्यावरणीय अनुमति

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो