मध्यप्रदेश कोचिंग एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट एमपी सिंह के अनुसार केंद्र सरकार की गाइडलाइन और मध्यप्रदेश में उसे लागू करने का आदेश स्वागत योग्य है, लेकिन अभी कई दिक्कतें हैं। इस आदेश को लागू करने का प्रॉपर मसौदा सरकार को तैयार करके कोचिंग सेंटर को बताना होगा। इसे कैसे लागू किया जाएगा? कौन इसे लागू करवाएगा? और किस आधार पर कहां पर यह लागू होगा? सरकार को इन प्रश्नों को उत्तर देना होगा।
यह भी पढ़ें— Sextortion – पुलिस चला रही ‘सेक्सटॉर्शन रैकेट’, नामी लोगों को फंसाकर पैसे वसूल रही महिला सब इंस्पेक्टर की गैंग प्रदेश में 40000 से ज्यादा कोचिंग सेंटर हैं। उनका रजिस्ट्रेशन किस विभाग में किस एक्ट के तहत होगा, यह अभी तक स्पष्ट नहीं है। एसोसिएशन का यह भी कहना है कि देश में 6 राज्यों ने कोचिंग संस्थानों को लेकर कंट्रोल एंड रेगुलेशन एक्ट तैयार किए हैं। मध्यप्रदेश सरकार को भी कोचिंग कंट्रोल एंड रेगुलेशन एक्ट बनाना होगा।
एक्ट बनने से न कोचिंग सेंटरों को परेशानी होगी और न ही छात्रों या उनके अभिभावकों को दिक्कत आएगी। एसोसिएशन ने स्पष्ट किया कि बिना किसी एक्ट के प्रदेश में कोचिंग संस्थानों पर कार्रवाई हुई तो कोर्ट जाने पर हम मजबूर होंगे। मध्यप्रदेश कोचिंग एसोसिएशन का कहना है कि मध्य प्रदेश में भी कोचिंग कंट्रोल एंड रेगुलेशन एक्ट तैयार होना चाहिए।