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भोपाल

चौराहों पर स्थापित महापुरूषों की प्रतिमाओं की देखरेख करने वाला कोई नहीं

शहर में करीब 55 जगह पर प्रतिमाएं

भोपालNov 20, 2019 / 03:27 pm

देवेंद्र शर्मा

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भोपाल। नानके पेट्रोल पंप के सामने से हटाई गई शहीद चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमा के स्थान पर पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह की प्रतिमा लगाने का मामला अब न्यायलय पहुंच चुका है। इस विवाद से एक बार फिर शहर में एक स्टेच्यू पार्क की जरूरत महसूस कराई है। फिलहाल सडक़, चौराहों पर स्थापित महापुरूषों की प्रतिमाओं की देखरेख करने वाला कोई नहीं है।

शहर में करीब 55 जगह पर प्रतिमाएं
सडक़ के बीच, रोटरी पर होने से आमजन को ट्रैफिक में भी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। शहर में करीब 55 जगह पर प्रतिमाएं है। इनमें से करीब 20 तो सडक़ और चौराहे पर ही है। जिला प्रशासन ने शहर में चिनार पार्क के एक भाग को स्टेच्यू पार्क के तौर पर विकसित करने की योजना बनाई थी, लेकिन अमल नहीं हो पाया।

ये हैं स्थिति
– महापुरुषों की प्रतिमाओं की सफाई, धुलाई व रंग-रोगन प्राथमिकता के आधार पर करने निगम के बजट में बकायदा राशि तय की है, लेकिन निगम प्रशासन ने इस पर अमल ही नहीं कर रहा।

– आए दिन महापुरुषों की प्रतिमाओं के आसपास सरकारी और गैर-सरकारी होर्डिंग्स, फ्लैक्स लग जाते हैं। हाल में निगम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए इन प्रतिमाओं के आसपास से कई बड़े विज्ञापन बोर्ड, फ्लैक्स हटाए। इनमें ये प्रतिमाएं छिपी हुई थी। नगर निगम संपत्ति विरूपण की कार्रवाई में थोड़ा सा फाइन करके जिम्मेदारी पूरी कर रहा है।


– सरकारी आयोजनों पर शासकीय कार्यालयों को रोशन किया जाता है, लेकिन चौराहों पर लगी महापुरुषों की प्रतिमा पर कोई फू ल डालने भी नहीं जाता। ऐसे में कई प्रतिमाओं को रंग तक फिका पड़ गया है। नगर निगम ने इन प्रतिमाओं को भगवान भरोसे छोड़ दिया है।

– निगम प्रशासन ने इन प्रतिमाओं को हर महीने माला पहनाने का अभियान चलाया था। एक साल पहले शुरू किया अभियान बमुश्किल दस दिन भी नहीं चल पाया।

– नगर निगम प्रशासन की उदासीनता की ही वजह है कि किसी प्रतिमा का प्लास्टर निकल रहा है तो किसी का पेंट। पुराने विधानसभा के सामने स्थित पार्क में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा का पेंट और प्लास्टर उखड़ रहा है। मिन्टो हाल के सामने पुलिस कंट्रोल रूम के पास पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा की भी इसी तरह की स्थिति है।

– महापुरूषों की पुण्यतिथि और जयंती पर फू ल- मालाएं चढ़ाकर फ ोटो खिंचवाने तक सीमित रह गए हैं। किसी प्रतिमा पर कोई वीआईपी पहुंचता है तो नगर निगम फूल-माला पहना देता है।


यहां हैं प्रतिमाएं
– हेमू कालानी बस स्टैंड चौराहा पर बीते पंद्रह साल से हैं।
– महाराणा प्रताप, एमपी नगर बस स्टैंड चौराहा पर 19 साल से प्रतिमा है।
– महात्मा गांधी, पीएंडटी चौराहा पर 17 साल से प्रतिमा स्थापित है।
– महात्मा गांधी, गांधी चौराहा गांधी नगर में 14 साल से प्रतिमा स्थापित है।
– चंद्रशेखर आजाद, नानके पेट्रोल पंप चौराहा पर। 2012 में इसे हटाया गया। अब ये रोड किनारे हैं और इनकी जगह पर पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुनसिंह की प्रतिमा लगा दी।

यहां भी प्रतिमाएं
– महात्मा गांधी, चचंल चौराहा बैरागढ़
– चंद्रशेखर आजाद, गीतांजलि चौराहा
– रानी अवंति बाई, माता मंदिर चौराहा
– सरोजनी नायडू, साढ़े छह नंबर
– शहीद भगतसिंह, करोद चौराहा
– वीर शिवाजी, लिंक रोड नंबर एक
– तात्या टोपे, टीटी नगर पुराना थाना
– जवाहर लाल नेहरू, रोशनपुरा
– जवाहरलाल नेहरू, नेहरू नगर चौराहा
– स्वामी विवेकानंद, पॉलीटेक्रिक चौराहा
– देवी अहिल्याबाई होल्कर, शाहपुरा
– सुभाष चंद्र बोस प्रभात पेट्रोल पंप रायसेन रोड
– सुभाषचंद्र बोस, सुभाष स्कूल
– मदनमोहन मालवीय, डीआईजी बंगला
– डॉ. भीमराव अंबेडकर, बोर्ड ऑफिस चौराहा
– डॉ. शंकरदयाल शर्मा, वीआईपी रोड पर अब पार्क में शिफ्ट कर दिए गए।

इनका कहना
महापुरूषों की प्रतिमाओं को इस तरह सडक़ चौराहा पर खड़ा करने की बजाय अलग से स्टेच्यू पार्क बना दिया जाना चाहिए। नियमित रखरखाव के साथ शहर के एक पर्यटन स्थल के तौर पर भी ये विकसित हो जाएंगे। लोग विशेषतौर पर इन्हें देखने पहुंचेंगे।
-निर्मला बूच, रिटायर्ड आईएएस

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