जीएसटी लागू होने के बाद अब व्यापारियों को टैक्स चोरी करना बहुत मुश्किल हो जाएगा। हर व्यापारी के कारोबार की कुंडली और उनके लेन-देन का पूरा ट्रांजेक्शन जीएसटीएन के पोर्टल पर अपने आप अपलोड हो रहा है। कारोबारी को तीन महीने में कितना टैक्स चुकाना चाहिए और वह कितना टैक्स चुका रहा है, इसकी भी मानीटरिंग साफ्टवेयर अपने आप करता रहेगा। समय पर टैक्स नहीं जमा करने वाले कारोबारियों पर पेनाल्टी भी लगाई जाएगी। इसके अलावा इनवेस्टिगेशन विंग द्वारा इन कारोबारियों के सर्च- सर्वे की कार्रवाई भी की जाएगी। जीएसटी लागू होने के बाद अब तक एमपी-सीजी में जीएसटीएन पोर्टल ने करीब दो लाख से अधिक कारोबारियों को चिंहित किया है, जिनके कारोबार और टैक्स रिर्टन आपस में मिलान नहीं खा रहे थे। ये कारोबारी जीएसटी के पहले और उसके बाद में टैक्स भी जमा नहीं कर रहे थे। जीएसटी में रजिस्ट्रेशन के बाद जीएसटीएन पोर्टल के माध्यम से उन कारोबारियों को चिंहित कर उससे 59699.81 लाख रुपए वसूले गए हैं। सबसे ज्यादा डिफाल्टर व्यापारियों की संख्या जबलपुर, रीवा, शहडोल संभाग में चिंहित की गई है। अभी तक यहां के डिफाल्टर कारोबारियों से 44400.01 लाख रूपए वसूले गए हैं। वहीं भोपाल जीएसटी कमिश्ररेट भोपाल और नर्मदापुरम संभाग में डिफाल्टरों से 4822.58 रूपए वसूले गए हैं।
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कमिश्ररेट जीएसटी ————— डिफाल्टरों से वसूली गई राशि
भोपाल—————4822.58
उज्जैन—————1113.95
इंदौर——————1343.97
उज्जैन—————1113.95
जबलपुर————–44400.01
रायपुर (छग)———-8019.03
योग ———————59699.81
वर्जन
जो कारोबारी वर्षों से टैक्स जमा नहीं कर रहे हैं, उन्हें चिंहित कर उसने टैक्स जमा कराया जा रहा है। जीएसटीएन पोर्टल में सभी कारोबारियों के हर खरीदी और विक्री की जानकारी अपने आप लोड होती रहती है। इस पोर्टल के माध्यम सैकड़ों कारोबारियों को चिंहित किया गया है।
मिलिंद लांजेवार
ज्वाइंट कमिश्रर जीएसटी विभाग
जीएसटी लागू होने के बाद अब व्यापारियों को टैक्स चोरी करना बहुत मुश्किल हो जाएगा। हर व्यापारी के कारोबार की कुंडली और उनके लेन-देन का पूरा ट्रांजेक्शन जीएसटीएन के पोर्टल पर अपने आप अपलोड हो रहा है। कारोबारी को तीन महीने में कितना टैक्स चुकाना चाहिए और वह कितना टैक्स चुका रहा है, इसकी भी मानीटरिंग साफ्टवेयर अपने आप करता रहेगा। समय पर टैक्स नहीं जमा करने वाले कारोबारियों पर पेनाल्टी भी लगाई जाएगी।
इसके अलावा इनवेस्टिगेशन विंग द्वारा इन कारोबारियों के सर्च- सर्वे की कार्रवाई भी की जाएगी। जीएसटी लागू होने के बाद अब तक एमपी-सीजी में जीएसटीएन पोर्टल ने करीब दो लाख से अधिक कारोबारियों को चिंहित किया है, जिनके कारोबार और टैक्स रिर्टन आपस में मिलान नहीं खा रहे थे। ये कारोबारी जीएसटी के पहले और उसके बाद में टैक्स भी जमा नहीं कर रहे थे। जीएसटी में रजिस्ट्रेशन के बाद जीएसटीएन पोर्टल के माध्यम से उन कारोबारियों को चिंहित कर उससे 59699.81 लाख रुपए वसूले गए हैं। सबसे ज्यादा डिफाल्टर व्यापारियों की संख्या जबलपुर, रीवा, शहडोल संभाग में चिंहित की गई है। अभी तक यहां के डिफाल्टर कारोबारियों से 44400.01 लाख रूपए वसूले गए हैं। वहीं भोपाल जीएसटी कमिश्ररेट भोपाल और नर्मदापुरम संभाग में डिफाल्टरों से 4822.58 रूपए वसूले गए हैं।
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कमिश्ररेट जीएसटी ————— डिफाल्टरों से वसूली गई राशि
भोपाल—————4822.58
उज्जैन—————1113.95
इंदौर——————1343.97
उज्जैन—————1113.95
जबलपुर————–44400.01
रायपुर (छग)———-8019.03
योग ———————59699.81
जो कारोबारी वर्षों से टैक्स जमा नहीं कर रहे हैं, उन्हें चिंहित कर उसने टैक्स जमा कराया जा रहा है। जीएसटीएन पोर्टल में सभी कारोबारियों के हर खरीदी और विक्री की जानकारी अपने आप लोड होती रहती है। इस पोर्टल के माध्यम सैकड़ों कारोबारियों को चिंहित किया गया है।
मिलिंद लांजेवार
ज्वाइंट कमिश्रर जीएसटी विभाग