मैं कहती हूं कि रोहित वेमूला पढऩा चाहता था वह दलित था लेकिन उसका गला घोंटकर मार दिया। रोहित, अंबेडकर के आइडिया पर चलता था और वह पढऩा चाहता था इसलिए उसे मारा गया। आज इतिहास को दोहरा कर भी चिंगारी को पहचान नहीं पाए तो हमारी शिक्षा अधूरी रह जाएगी। उन्होंने कहा कि हमें समझना पड़ेगा कि जर्मनी में हिटलर ने क्या किया था और वास्तविक ऐसा ही मोदी यहां कर रहे हैं। हम इसे नहीं समझ पाएंगे तो हमारी शिक्षा क्लास रुम तक ही सीमित रह जाएगी।
साजिश के तहत बंद की योजना
आइशी ने कहा जेएनयू को बंद करना एक साजिश है। जब जेएनयू को बनाया गया था तब एक आदर्श सोच के साथ बनाया गया था। यहां हर मजहब, हर वर्ग, दलित-मुसलमान वर्ग के लोग पढऩे की सोच के साथ इसे स्थापित किया गया था। जो लोग गोलवलकर की चाटूकारिता करता है और बोलता है कि आदिवासी, मुसलमान इस देश में नहीं पढ़ेंगे, आज उस आइडिया को रिजेक्ट करने की जरुरत है।
उन्होंने कहा हम पढ़ेंगे भी और ऐसी सरकार चुनेंगे जो हमारे हित में काम करेगी। यही वो सरकार है जो बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ की बात करती है, मुसलमान औरतों के लिए हक की बात करती थी, तो आज मुसलमान औरते सडक़ों पर है, उनकी बात क्यों नहीं सुनी जा रही है।