डेस्क जॉब
जर्मनी की एक रिसर्च से सामने आया कि लंबे समय तक सिटिंग करने वाले लोगों में कोलन कैंसर का रिस्क २४ फीसदी और एंडोमीट्रियल का ३२ फीसदी तक होता है। हर दो घंटे की सिटिंग के बाद थोड़ी देर वॉक करने से इस कैंसर का खतरा कम किया जा सकता है। डाइट पर ध्यान देना भी जरूरी है।
एग्रीकल्चर संबंधी जॉब्स में रखें ध्यान
एग्रीकल्चर में कीटनाशक का उपयोग किया जाता है, जो कैंसर जैसे रोगों की आशंका बढ़ाता है। कई तरह के अध्ययनों से यह बात स्पष्ट हुई है, जिसमें स्किन, ब्रेन, पेट, प्रोस्टेट कैंसर का खतरा ज्यादा देखा गया। कीटनाशक के अलावा धूल, एनीमल वायरस, फर्टिलाइजर, फ्यूल आदि को भी कैंसर कारक माना गया है।
अग्निशमन के क्षेत्र में भी है खतरा
फायरफाइटर्स का काम आग और धुंआ के बीच होता है, जो कैंसर का कारण हो सकते हैं। प्लास्टिक, भवन सामग्री और हर वो चीज, जोआग में जल गई हो, वे सब हानिकारक पदार्थ स्त्रावित करती हैं। ऐसे में फायरफाइटर्स इनके संपर्क में आते हैं। इस तरह उनमें सामान्य व्यक्ति की तुलना में कैंसर की आशंका बढ़ जाती है।
नाइट-शिफ्ट भी ठीक नहीं
रेडिएशन और टॉक्सिंस ही कैंसर का कारण नहीं होते हैं, बल्कि बॉडी साइकल का प्रभावित होना भी कैंसर का कारण हो रेडिएशन और टॉक्सिंस ही कैंसर का कारण नहीं होते हैं, बल्कि बॉडी साइकल का प्रभावित होना भी कैंसर का कारण हो
माइन वर्कर्स
माइनिंग को खतरनाक बिजनेस माना गया है। अलग-अलग तरह की माइन में काम करने से अलग तरह के कैंसर का रिस्क भी बढ़ जाता है, जैसे कोयले की खान में पेट और फेफड़े के कैंसर की आशंका बढ़ जाती है। स्टडी के अनुसार भूमिगत वर्कर्स में लंग्स कैंसर की आंशका ५ गुना बढ़ जाती है।
लैब टेक्निशियन
लैब टेक्निशियन का काम भी खतरनाक होता है। जनरल कैंसर में प्रकाशित एक रिसर्च के अनुसार क्लिनिकल लैब में काम करने वाली महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। अध्ययन के अनुसार यदि महिलाएं बेंजीन जैसे केमिकल्स के साथ काम करती है, जो कैंसर की आंशका बढ़ाता है।
एल्यूमीनियम उद्योग
एल्यूमीनियम कारखानों में पॉलीसाइक्लिक एरोमेटिक हाइड्रो- कार्बन्स, क्रोमियम कंपाउंड, निकल कंपाउंड, भारी धातु आदि को प्रयोग में लिया जाता है, जो सभी कैंसर की आंशका बढ़ाने वाले तत्व हैं। इस तरह प्लास्टिक उद्योग में जुडऩे वाले लोगों में लिवर, किडनी, ब्लड, फेफड़ों के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। कार मैकैनिक्स में भी फेफड़ों और पेट के कैंसर का खतरा अधिक होता है।