इस दौरान इसका सबसे ज्यादा असर बीते दिनों नवरात्रि पर्व के दौरान देखने को मिला। चलाए गए अभियान से प्रेरित होकर झांकी समितियों के साथ ही लोगों ने भी कन्या भोज और भंडारे में डिस्पोजल का उपयोग नहीं करके इस अनुकरणीय पहल में अपना योगदान दिया। सरकार और नगर निगम द्वारा भी सिंगल यूज डिस्पोजल का उपयोग नहीं करने के लिए बार-बार झांकी समितियों सहित लोगों से आग्रह किया गया।
उमाशंकर तिवारी का कहना है कि लोग सिंगल यूज प्लास्टिक और डिस्पोजल का उपयोग बंद कर पत्तल दोने सहित बर्तनों का उपयोग करें। इससे पर्यावरण को होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है। तिवारी ने बताया कि वे अब तक जहां भी कार्यक्रमों में गए हैं, हर जगह लोगों से डिस्पोजल का उपयोग नहीं करने का आग्रह किया है।
केंद्र सरकार ने भी 2 अक्टूबर महात्मा गांधी की जयंती के मौके पर सिंगल यूज़ प्लास्टिक को प्रतिबंधित कर दिया है। राज्य सरकारों सहित नपा ननि व अन्य संगठनों ने इस पर अमल करते हुए रोक लगाई है।
कई जगह से बिना खाना खाए वापस घर लौट आए
उमाशंकर तिवारी ने बताया कि उन्होंने कई कार्यक्रमों से बिना भोजन किए ही लौट आए। अब उन्हें जो भी अपने यहां कार्यक्रमों में बुलाता है वह अपने यहां डिस्पोजल का उपयोग नहीं करता। यह पूरे समाज के लिए एक बेहतर पहल साबित हो रही है। इनसे जुड़े कई अन्य लोग भी इस मुहिम में उनका साथ दे रहे हैं, जिससे यह दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है।
प्लास्टिक पूरे समाज के लिए खराब है, चाहे वह किसी भी रूप में हो। समाज और पर्यावरण के हित में प्लस्टिक को हटाना नितांत आवश्यक है। इसके लिए सरकार से ज्यादा समाज की जिम्मेदारी है, क्योंकि हर जगह सरकार नहीं रह सकती। ऐसे में समाज को पर्यावरण के साथ ही खुद का भी हित देखना है। इससे गंदगी कम होने के साथ-साथ पर्यावरण की भी रक्षा हो सकेगी।
उमाशंकर तिवारी, अध्यक्ष बागमुगालिया एक्सटेंशन कॉलोनी