सीहोर के कुबेरेश्वर धाम (Kubereshwar Dham) में 7 मार्च से चल रहे 13 रुद्राक्ष महोत्सव और शिव महापुराण कथा का मंगलवार को समापन हुआ। इसके बाद सीहोर के साथ ही भोपाल में भी वापस लौटनेवाले भक्तों की भीड़ बढ़ गई है।
यह भी पढ़ें—Breaking – पचौरी के बाद नकुलनाथ भी बीजेपी में! सबनानी बोले- छिंदवाड़ा से जल्द आएगी अच्छी खबर पंडित प्रदीप मिश्रा (Pandit Pradeep Mishra) के सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक, यूट्यूब पर ही लाखों फालोअर्स हैं। यही कारण है कि रुद्राक्ष महोत्सव और शिव पुराण कथा में देशभर से लाखों श्रद्धालु सीहोर आए। इन भक्तों के लिए जहां सीहोर रेलवे स्टेशन पर कई ट्रेनें रोकी गईं वहीं सीहोर आने वाले रास्तों पर ट्रैफिक का दबाव बढ़ने से कई मार्ग डायवर्ट भी किए गए।
रेलवे स्टेशन और बस स्टेंड पर भीड़भाड़ बढ़ने की आशंका के चलते अतिरिक्त इंतजाम किए गए। भोपाल के सभी बस स्टैंड पर चिकित्सा एवं सुरक्षा अधिकारी तैनात किए गए और पुलिस की आधा दर्जन टीम बनाकर निगरानी की जा रही है। आपात स्थिति से निपटने के लिए हमीदिया में बिस्तर रिजर्व रखे गए हैं। अतिरिक्त बसों की व्यवस्था की गई है।
इस बार रेलवे ने आधा दर्जन से अधिक स्पेशल ट्रेन चलाई हैं। इंदौर जाने के लिए वैकल्पिक रास्ते भी सुझाए गए हैं। इधर महोत्सव के दौरान पंडित प्रदीप मिश्रा ने शिव महिमा सुनाई। कथा के दौरान उन्होंने लक्ष्मी प्राप्ति के कई उपाय बताए। उन्होंने बताया कि घर की चौखट पर जूते— चप्पल उतारना अच्छा नहीं माना जाता। विष्णु पुराण में उल्लेख है कि ऐसे लोगों को आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
हमेशा पैसों की तंगी बनी रहती है।
हमेशा पैसों की तंगी बनी रहती है।
पंडित मिश्रा ने बताया कि विष्णु पुराण के अनुसार लक्ष्मीजी दिन में सात बार हर घर में प्रवेश के लिए आती हैं। जिन घरों में बाहर जूते—चप्पल पड़े रहते हैं, उन घरों में वे प्रवेश नहीं करतीं और वापस हो जाती हैं। इसलिए घर के प्रवेश द्वार के बिल्कुल सामने जूते—चप्पल नहीं उतारें।