कथा में बताई हादसे की पूरी घटना
हादसे के बाद सीहोर वाले पंडित प्रदीप मिश्रा कथा स्थल पहुंचे और शिवमहापुराण की कथा के दौरान अपने हादसे के बारे में भी बताया। उन्होंने बताया कि वो सुबह करीब 8 बजे नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर में दर्शन कर कथा स्थल की ओर लौट रहे थे। चार पांच किलोमीटर का सफर ही किया था कि तभी उनकी कार एक पहाड़ से टकरा गई। पहाड़ से टकराकर कार दो पलटी खाई। एक तरफ पहाड़ था और दूसरी तरफ मां गंगा बह रही थीं। उन्होंने कहा कि अगर कार एक पलटी और खाती तो सीधे गंगा में चली जाती।
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पंडित प्रदीप मिश्रा ने आगे कहा कि जब भी वो गाड़ी में चलते हैं तो श्री शिवाय नमोस्तुभ्यमं का जाप करते रहते हैं। गाड़ी की दशा आप देख रहे होंगे । पूरी उल्टी हो गई। चारों पहिए ऊपर हो गए। कांच, खिड़की, दरवाजे सब चपटे हो गए। फिर भी मेरे महादेव ने ऐसी करुणा की कि हमको तो लगता है कि मेरे शिव ने जगदम्बा के साथ आकर गोदी में झेलकर यहां लाकर छोड़ दिया। ये है शिवकृपा।