हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी निवासी शर्मा परिवार ने जवान बेटे को 25 दिन पहले खो दिया है। बेटे कार्तिक शर्मा को मल्टी ऑर्गन फैलियर होने की वजह से पहले इंदौर फिर मुंबई और लंग्स ट्रांसप्लांट के लिए एयरलिफ्ट कर हैदराबाद ले जाया गया। तीन महीने तक इलाज में बेटे कार्तिक को बचाने के लिए उसके पिता राजेश शर्मा ने अपनी सारी जमा पूंजी खर्च कर दी। लंग्स ट्रांसप्लांट के लिए 48 लाख रुपए की जरुरत थी। इसके लिए राजेश ने 28 मार्च 2022 को राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह के माध्यम से पीएम मोदी को पत्र लिखकर मदद की गुहार लगाई थी। 9 अप्रैल को मदद के अभाव में कार्तिक की मौत हो गई। उसकी मौत के 25 दिन बाद अब परिवार को पीएम मोदी का 50 हजार रुपए की राशि का सैद्धांतिक स्वीकृति पत्र मिला। इसे परिवार ने पुन: पीएम को पत्र लिखकर अस्वीकार कर दिया।
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पीएम के पत्र में लिखी कुछ पंक्तियों की भाषा शैली पर भी परिवार के लोग आहत नजर आए। उन्होंने निवेदन किया कि पीएम किसी जरूरतमंद परिवार से इस तरह की शैली में पत्र व्यवहार न करें। ताकि परिवार को संबल मिलने के बजाय पीड़ा हो। युवक के पिता राजेश ने पीएम को लिखे जवाबी पत्र में पीड़ा व्यक्त करते हुए लिखा है किए आपका पत्र पढ़कर उतना ही दु:ख हुआ, जितना पुत्र की मृत्यु पर हुआ था। आपने मेरे बेटे को प्रधानमंत्री राहत कोष से उसकी मृत्यु के उपरांत मात्र 50 हजार रुपए की सहायता स्वीकृत करके हमारे परिवार को जिंदगी भर के लिए ऋणी बना दिया है। मेरा बेटा आपका ऋण चुकाने के लिए इस दुनिया में नहीं है। ऋण के बोझ को सहने में असमर्थ हूं। उचित सहायता समय पर और आपके इतने बड़े एहसान के बगैर मिलती तो ऋण के बोझ को उठाने का साहस जुटा पाते। बिलों का भुगतान हो चुका है। स्वीकृत राशि को विनम्रतापूर्वक अस्वीकार करता हूं।