पुलिस ने भांजी लाठियां
बताया जा रहा है कि पुलिस प्रदर्शनकारियों को धरना स्थल से उठाने के लिए पहुंची थी लेकिन प्रदर्शनकारी स्वास्थ्यकर्मी हटने के लिए तैयार नहीं थे और हंगामा करने लगे। जिसके कारण पुलिस ने उन पर लाठियां बरसाईं और उन्हें धरना स्थल से अलग किया। पुलिस का कहना है कि स्वास्थ्यकर्मियों ने प्रदर्शन के लिए सिर्फ एक दिन की अनुमति मांगी थी और दूसरे दिन गैस पीड़ित संगठनों का नीलम पार्क पर प्रदर्शन था। लेकिन स्वास्थ्यकर्मी दूसरे दिन भी धरने पर बैठे रहे जब उनसे परमीशन नहीं होने और परमीशन लेने के बारे में कहा गया तो वो पुलिसकर्मियों से भिड़ गए जिसके चलते पुलिस को लाठियां चलानी पड़ीं और जबरदस्ती स्वास्थ्यकर्मियों को पार्क से बाहर निकालना पड़ा।
महिला प्रदर्शनकारी ने बताई आपबीती
प्रदर्शन में शामिल होने वाली एक महिला प्रदर्शनकारी ने पूरी आपबीती बताते हुए कहा कि कोरोना काल के दौरान शासन ने कुल 6213 स्वास्थ्य कर्मचारियों को तीन महीने के लिए नौकरी पर रखा था। जिनमें स्टाफ नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, लैब टेक्नीशियन, फार्मासिस्ट समेत अन्य स्टाफ शामिल था। जिन्हें अब धीरे धीरे कर नौकरी से निकाला जा रहा है। वो नियमितिकरण और बहाली की मांग को लेकर प्रदर्शन करने बैठे थे। गुरुवार को पुलिस आई और पार्क खाली करने के लिए कहा। इसी बात को लेकर हंगामा होने लगा जिसके बाद पुलिस ने लाठियां चलाईं और महिलाओं को तक नहीं छोड़ा। प्रदर्शन कर रहे 15 से ज्यादा लोगों को चोटें आईं हैं जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं।