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खाने की होम डिलिवरी दे रहा पुलिस
भोपाल के एक थाने को तो पुलिस ने रसोई घर ही बना दिया है। यहां बड़े इलाके में जहां शहर के गरीब, बेसहारा लोगों के लिए खाना बनाया जा रहा है। वहीं, अपनी ड्यूटी के साथ साथ पुलिसकर्मी उन लोगों को भी ढूंढ रहे हैं, जिनके लिए भोजन चुनौती बना हुआ है। पुलिस कर्मी ढूंढ ढूढकर ऐसे लोगों तक भोजन पहुंचा रहे हैं। साथ ही, फोन के जरिये भी किसी भूखे की दरकार आती है, तो पुलिसकर्मी उनके घर जानकर खाने की होम डिलिवरी कर रहे हैं।
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मिल रहा जन सहयोग
एक तरफ मैदानी ड्यूटी की जिम्मेदारी और दूसरी तरफ उन जरूरतमंदों की मदद, जिनके पास खाने की व्यवस्था नहीं है राजधानी पुलिस ऐसी भूखे, असहाय, परेशान लोगों के लिए किसी मसीहा से कम नहीं है। जरूरतमंदों तक खाना पहुंचाने के लिए क्राइम ब्रांच थाना रसोई घर में तब्दील कर दिया गया है। यहां जन सहयोग से हर रोज खाने के पैकेट तैयार कर गरीबों, मजदूरी और जरुरतमंदों तक पहुंचाने का काम किया जा रहा है।
ड्यूटी के साथ खाना पहुंचाने की जिम्मेदारी
लॉकडाउन के बाद भोपाल क्राइम ब्रांच में बनाए गए रसोई घर में रोजाना 500 लोगों का खाना बनवाया जा रहा है। भोजन तैयार होने के बाद फी आदमी के हिसाब से पैकेट तैयार कर उन्हें ज़रूरतमंदों तक पहुंचाने का काम क्राइम ब्रांच के अधिकारी और कर्मचारियों द्वारा ही किया जा रहा है। गश्त और निगरानी के साथ साथ पुलिस उन इलाकों में नजर बनाए हुई है, जहां लोग भूख से परेशान हैं। पुलिस के मुताबिक, जो लोग या इलाके भूख से परेशान दिखते हैं, तो पुलिस उनके घरों तक तत्काल भोजन की व्यवस्था करा रहे हैं।
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पुलिस नहीं चाहती इस तरह लोकप्रीयता हासिल करना
पुलिस के मुताबिक, जन सहयोग से रसोई क्राईम ब्रांच में शुरु हुई रसोई 24 घंटे काम कर रही है। क्राइम ब्रांच एएसपी निश्चल झारिया खुद इस रसोई की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। हालांकि, पत्रिका से बातचीत के दौरान उन्होंने इस मामले को लेकर सूचना देने से इंकार किया। उनका कहना था कि, वो नहीं चाहते कि वो और उनकी टीम जिस सेवा कार्य को कर रही है उसका प्रचार हो। उनका कहना था कि, वो अपने द्वारा की जाने वाली सेवा से लोकप्रीयता नहीं चाहते। उनके मुताबिक, इस समय सिर्फ उनकी टीम का ये उद्देश्य है कि, उनके जरिये इन हालात में परेशान होने वाले लोगों की ज्यादा से ज्यादा सेवा हो सके। हालांकि, उन्होंने सिर्फ इस उद्देश्य से पत्रिका से जानकारी साझा कि, ताकि लोगों में जागरुकता बढ़े। इन हालात में अपने स्तर पर हम लोगों की जिस तरह भी सहायता कर सकें, ये इस समय बड़ा कार्य है।
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ये हैं प्रदेश के कर्मवीर
एक तरफ जहां मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ता जा रहा है, तो वहीं देश के कर्मवीरों का हौसला और सेवा भाव कोरोना के तेजी से बढ़ते असर को पस्त करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा। हकीकत है कि, जब तक ऐसी सोच वाले लोग भारत में है, कोरोना तो क्या दुनिया की कोई भी ताकत देश के खिलाफ खड़ी नहीं हो सकती। हालही में हमने प्रदेश के नीमच के उन मासूम बच्चों के बारे में सुना, जिन्होंने अपनी गुल्लक फोड़कर उसमें जमा रकम लॉकडाउन के कारण भूख से परेशान होने वाले गरीब-मजदूरों के लिए भोजन के लिए दान की थी। उन मासूम कर्मवीरों के हौसले को प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने भी सराहा। इसके बाद मध्य प्रदेश के देवास जिले में भी लॉकडाउन के दौरान भूख के कारण सड़क पर बेहोश हुई महिला की जान बचाने के लिए अपनी ड्यूटी के साथ साथ महिला को अपना खून देकर उसकी जान बचाई थी।