शिवराज ने अगले ट्वीट में कहा कि मैडम सोनिया गांधी देश की जनता को जवाब दें, क्या आपको मालूम था कि आपकी पार्टी के नेता दंगे भड़काने के लिए पैसों का लेन-देन कर रहे हैं। क्या आपने गुंडे-बदमाशों के भरण-पोषण की जि़म्मेदारी ले ली है। क्या देश की शांति भंग करने का ठेका आपने ले लिया है। अब या तो सिब्बल साहब ने कांग्रेस के पार्टी फंड के लिए पैसे लिए हैं, या पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया उनका क्लाइंट है। शिवराज ने आरोप लगाया कि सीएए विरोधी प्रदर्शन और हिंसा कराने के लिए पत्थरबाज़ों और दंगाइयों को मैडम सोनिया गांधी, सिब्बल साहब और कांग्रेस ने पैसे पहुँचाये हैं। उन्होंने कहा कि पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया संगठन ने सीएए विरोधी प्रदर्शन होने के दौरान 73 बैंक खातों में करीब 120 करोड़ रुपये जमा किए। आश्चर्य की बात तो यह है कि शांति का ढिंढोरा पीटने वाले कांग्रेस के बुद्धिजीवी नेता कपिल सिब्बल जी को 77 लाख रुपये मिले हैं। क्या सिब्बल साहब इसका जवाब देंगे।
कांग्रेस का पलटवार :
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि भारत की विशेषता अनेकता में एकता है। हमारी गंगा-जमुनी तहजीब को मोदी-शाह बर्बाद करने पर लगे हुए हैंं।
वहीं उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने ट्वीट कर कहा कि देश में तानाशाही चरम सीमा पर है, अब कोई अपनी बात भी नहीं रख सकता। अमित शाह जी, आपको सत्ता का बड़ा गुरुर है, लेकिन देश की जनता ने ही आपको वहां पहुंचाया है अब गुरुर को समाप्त भी देश की जनता ही करेगी। बस समय का इंतजार कीजिए।