देश में कई राज्यों में बड़ी संख्या में केस आ रहे हैं, इनमें स्कूली विद्यार्थी भी संक्रमित हो रहे हैं। बच्चों का अभी टीकाकरण भी नहीं हुआ है। अभिभावक बच्चों के स्वास्थ्य के खतरे को देखते हुए उन्हें अभी स्कूल नहीं भेजना चाहते, लेकिन हमें एसा करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। इसलिए आप स्कूलों को ऑनलाइन क्लास लगाने के निर्देश देने की कृपा करें। यह गुहार सागर पब्लिक स्कूल के अभिभावकों ने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट पहुंचकर कलेक्टर से लगाई। 40 से अधिक अभिभावकों ने अलग-अलग पत्र सौंपकर अपनी मांग रखी।
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अभिभावकों में शामिल शैलेष बाबा ने बताया कि, सागर पब्लिक स्कूल में २३ नवम्बर से ऑनलाइन क्लास पूरी तरह बंद कर दी गई है। अभिभावकों से कोई सहमति भी नहीं ली गई। अभिभावक कोरोना संक्रमण और बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर चिङ्क्षतत है, लेकिन उनके सामने कोई विकल्प भी नहीं छोड़ा गया है। एेसे में हमने अनुरोध किया है कि जब तक पूर्ण टीकाकरण नहीं हो जाता कलेक्टर ऑनलाइन क्लास नियमित रूप से जारी करने के आदेश दें और परीक्षा भी ऑनलाइन कराना सुनिश्चित करने की कृपा करें।
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लोक शिक्षण संचालनालय ने दायर की केविएट
पालक महासंघ, जागृत अभिभावक संघ, नागरिक अधिकार संगठन, सागर पब्लिक स्कूल, कॉर्मल कॉन्वेंट स्कूल से लेकर केंद्रीय विद्यालय तक के अभिभावक ऑनलाइन कक्षाएं बंद करने के विरोध में हैं। वहीं, शिक्षा विभाग सरकार के मनमाने आदेश का बचाव कर रहा है। अभिभावकों और उनके संगठनों के न्यायालय जाने के कदम का अनुमान लगाते हुए लोक शिक्षण संचालनालय ने उच्च न्यायालय में केविएट दायर की है जिससे किसी संगठन की अपील पर पक्ष रखने का मौका मिले। कानून के जानकारों का कहना है कि यह स्कूलों के पक्ष में झुका फैसला है कि ज्यादा देर तक बचाव करना विभाग के लिए संभव नहीं होगा।