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भोपाल

प्रदेश में सौ वर्ष पुराने 59 बांधों का होगा पुनरुद्धार, 8 बांधों की कार्ययोजना तैयार

केंद्रीय जलशक्ति राज्य मंत्री रतनलाल कटारिया ने लोकसभा में यह जानकारी दी। प्रदेश में सौ वर्ष पुराने 59 बांधों का होगा पुनरुद्धार

भोपालJul 06, 2019 / 08:01 am

Rajendra Gaharwar

bisalpur

मध्यप्रदेश के सौ वर्ष पुराने 59 बांधों का पुनरुद्धार होगा। केंद्रीय जलशक्ति राज्य मंत्री रतनलाल कटारिया ने गुरुवार को लोकसभा में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि केंद्रीय जल आयोग ने 100 साल से पुराने देश के 220 बांधों को रजिस्टर किया है। इनके पुनरुद्धार और सुधार के लिए 3466 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं। इस परियोजना में मध्यप्रदेश के 59 बांध शामिल किए गए हैं।

कटारिया ने बताया कि बांधों के संरक्षण के लिए आपदा प्रबंधन योजना और आपातकालीन कार्ययोजना राज्यों को बनाने को कहा गया था। मध्यप्रदेश सरकार और बांध से जुड़ी उसकी एजेंसियों ने 8 बांधों की कार्ययोजना तैयार की है।

मंदसौर सांसद सुधीर गुप्ता द्वारा चंबल नदी पर बने गांधीसागर बांध में जमा गाद (सिल्ट) निकालने को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में जलशक्ति मंत्रालय ने बताया कि औसतन बांधों में औसतन हर साल एक प्रतिशत गाद जमा होती है। इसके निपटारे के लिए प्रबंधन किया जाता है। हालांकि गाद निकालने की प्रक्रिया जटिल है। गाद जमा होने के कारणों का अध्ययन किया जाता है।

मध्यप्रदेश में ट्रांसमिशन लाइन के 11 टॉवर ध्वस्त हुए


मध्यप्रदेश में 2016 से 2018 के बीच ट्रांसमिशन लाइन के 11 टॉवर ध्वस्त हुए। सरकार ने इसमें गुणवत्ता और निर्माण से जुड़ी कमियों को माना है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने लोकसभा में लिखित जवाब में बताया कि इन क्षतिग्रस्त टॉवरों को स्थायी समिति की सिफारिशों पर फिर से पुनस्र्थापित कर दिया गया है।

मध्यप्रदेश में ट्रांसमिशन लाइन के जो टॉवर ध्वस्त हुए थे, उनमें जबलपुर-बीना ट्रांसमिशन लाइन के पांच टॉवर पांच साल से कम अवधि में ही टूट गए। बाकी 6 अन्य इससे अधिक अवधि के पहले स्थापित किए गए। टॉवरों को ध्वस्त होने के कारणों के बारे में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने बताया कि कई कारकों की वजह से ऐसा हुआ है, इनमें गुणवत्ता की कमी, रख रखाव, प्रचालन और निर्माण की कमियां शामिल हैं।

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