शिक्षित बेरोजगारों को सस्ता कर्ज और सबसिडी मिलने से युवा उद्यमियों की संख्या बढ़ी है। मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना में 811, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में 15 हजार, मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी योजना में 350 से अधिक हितग्राही लाभांवित हुए हैं। युवा बेरोजगारों को रोजगार के लिए प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।
बाजार उपलब्ध कराने की तैयारी –
राज्य सरकार का मानना है कि लघु उद्योगों को बेहतर बाजार मिल जाए तो उनके मुनाफे में इजाफा होगा। इसलिए सूक्ष्म और लघु उद्योगों को बाजार उपलब्ध कराने की तैयारी है। प्रयास है कि उनकी उत्पादित सामग्री को प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर बाजार मिल सके, इसके लिए एमएसएमई विभाग खाका तैयार कर रहा है।
राज्य सरकार का मानना है कि लघु उद्योगों को बेहतर बाजार मिल जाए तो उनके मुनाफे में इजाफा होगा। इसलिए सूक्ष्म और लघु उद्योगों को बाजार उपलब्ध कराने की तैयारी है। प्रयास है कि उनकी उत्पादित सामग्री को प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर बाजार मिल सके, इसके लिए एमएसएमई विभाग खाका तैयार कर रहा है।
यह हैं दिक्कतें – कच्चे माल का दाम अधिक होने के कारण थोक में उसकी खरीदी न हो पाना, बड़ी कंपनियों की तरह बाजार में ब्रांड नेम नहीं होना से इनका माल कम बिक पाता है। ये उद्योग उत्पाद तो करते हैं लेकिन उन्हें यह उचित मार्गदर्शन न मिलने के कारण न तो अच्छा बाजार मिल पाता है और न ही ज्यादा मुनाफा ले पाते हैं। ऐसे में बिचौलियों को लाभ होता है। अब सरकार इन बिचौलियों की व्यवस्था को ही समाप्त करने की तैयारी कर रही है। जिससे इनका मुनाफा बढ़ेगा, बड़ा बाजार भी मिलेगा।
एमएसएमई सेक्टर के प्रमुख उत्पाद –
दरी, कालीन, लकड़ी के खिलौने, हैण्डलूम, पावरलूम, प्लास्टिक के सामान, कन्फेक्शनरी, बीड्स, इलेक्ट्रानिक्स गैजेट्स आदि।
दरी, कालीन, लकड़ी के खिलौने, हैण्डलूम, पावरलूम, प्लास्टिक के सामान, कन्फेक्शनरी, बीड्स, इलेक्ट्रानिक्स गैजेट्स आदि।