scriptरोड कंपनियों की माली हालात खराब: प्रदेश में अटके नेशनल हाईवे | Road companies' Mali situation bad: National highways stuck in state | Patrika News
भोपाल

रोड कंपनियों की माली हालात खराब: प्रदेश में अटके नेशनल हाईवे

5 साल में नहीं बन पाए5 हाईवे, एक साल का टारगेट 250 किमी का, बन रही 100 किमी सड़कें
 

भोपालFeb 11, 2019 / 09:46 am

Ashok gautam

khallri to Dhundi to road are Damge

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भोपाल। प्रदेश में नेशनल हाईवे का ठेका लेने वाली कंपनियों की माली हालात बिगडऩे से 5 बड़े और महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण पांच साल में पूरा नहीं हो पाया है। सड़क निर्माण की धीमी प्रगति पर हाल ही में केन्द्र सरकार ने मध्यप्रदेश रोड डेवलपमेंट कारपोरेशन (एमपीआरडीसी) के अफसरों पर नाराजगी जताई है।
केन्द्र ने अफसरों को अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि हर हाल में टाईम लिमिट में काम पूरा कराएं। एमपीआरडीसी के अफसरों ने आश्वासन दिया है कि तीन नेशनल हाईवे भोपाल-जबलपुर का एक हिस्सा, मनगंवा-चाकघाट और शहडोल-उमरिया मार्च तक पूरा करवा लेंगे।
केन्द्र सरकार ने एक साल पहले एमपीआरडीसी को ढाई सौ किलोमीटर सड़कें बनाने के टार्गेट दिए थे, जिसमें मात्र सौ किलोमीटर सड़कें ही बन पाई हैं। इन सड़कों के काम अप्रैल तक पूरा करने के लिए कहा है। सड़के नहीं बनने की मुख्य वजह ठेकेदारों द्वारा काम छोड़कर जाना है।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में जबलपुर-मंडला-चिल्पी, शहडोल-उमरिया, सिधी-सिंगरौली, मनगवां-चाकघाट, भोपाल-जबलपुर राष्ट्रीय राज मार्ग पिछले पांच साल से बन रहे हैं। इन सड़कों की कुल लंबाई करीब एक हजार किमी है। एमपीआरडीसी ने इन सड़कों को बनाने का ठेका बीओटी और ईपीसी की तर्ज पर दिया है।

कंपनियों पर एक नजर

1. गेमन इंडिया – सीधी-सिंगरौली हाईवे के निर्माण का काम गेमन इंडिया को दिया गया था। ठेके में घाटा होने के बाद कंपनी ने सड़क निर्माण से अपने हाथ पीछे खींच लिए। कंपनी ने सड़क निर्माण के लिए पंजाब नेशनल बैंक से कर्ज लिया था।
ठेके में घाटा होने के बाद गेमन इंडिया बैंक का कर्ज नहीं लौटा पाई, इसके चलते बैंक ने इसे एनपीए करते हुए सड़क निर्माण से संबंधित दस्तावेज सीज कर दिए हैं। अब एमपीआरडीसी ने पीएनबी से बात कर इस ठेके को दूसरी निर्माण कंपनी को देने का निर्णय लिया है। इस पर बैंक ने सहमति दे दी है।
2. जीडीसीएल कंपनी – जबलपुर-मंडला-चिल्पी नेशनल हाइवे का ठेका इस कंपनी को मिला था। कंपनी के पार्टनरों में विवाद होने के कारण सड़क निर्माण का काम बंद हो गया था। कंपनी ने हाल ही में एमपीआरडीसी को लिखित में दिया है कि मैंने अपने पार्टनर को अलग कर दिया है जल्द ही मैं सड़क निर्माण का काम पूरा कर दूंगा।
3. जीबीआर कंपनी – शहडोल-उमरिया नेशनल हाईवे का ठेका लिया था, लेकिन कंपनी में कुछ विवाद होने के कारण हाईवे का काम पूरा नहीं हो पाया है। एमपीआरडीसी ने हाल ही में जीबीआर को नोटिस देकर टाईम लिमिट में काम पूरा करने का अल्टीमेटम दिया है।
पीडब्ल्यूडी और ठेकेदारों की लापरवाही के चलते प्रदेश के पांच नेशनल हाइवे पर कछुआ गति से निर्माण का कार्य हो रहा है। पांच साल पूरे होने के बाद भी इनका निर्माण पूरा नहीं हो पाया है।
केन्द्र सरकार ने इन सड़कों के निर्माण कार्य का परीक्षण करने के बाद सबका टारगेट फिक्स किया है। इनमें तीन नेशनल हाईवे भोपाल-जबलपुर का एक हिस्सा, मनगंवा-चाकघाट और शहडोल-उमरिया मार्च तक पूरा करने का अल्टीमेटम दिया है। टाइम लिमिट में काम न करने वाले ठेकेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी तक दी गई है।

जो ठेकेदार सड़के बनाने पर देरी कर रही हैं, उन पर पेनाल्टी लगाने के बाद टाइम लाइन बढ़ाया जाता है। सभी सड़के 2020 तक बना ली जाएंगी।

पीयूष चतुर्वेदी, चीफ इंजीनियर एमपीआरडीसी

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