पड़ताल में सामने आया कि प्रशासन पूर्व में गिरे शीश महल के गिरे हिस्से का विकास भी नहीं किया था। आज भी भवानी चौक सोमवारा से मोती मस्जिद जाने वाले मार्ग का टूटा हिस्सा दिखाई देता है। इतना ही नहीं इकबाल मैदान, गौहर महल, शौकत महल आदि का भी मेंटेनेंस कुछ सालों से नहीं किया गया है। सदर मंजिल को छोड़ दे तो अन्य कोई भी महल का कुछ सालों से मेंटेनेंस नहीं हो रहा है।
-जर्जर हो रहे महलों के देखते हुए ऐसा लगता है कि शहर के विकास में सौतेला व्यवहार हो रहा है। कुछ हिस्से तो हाइटैंक हो रहे है, जबकि पुराने शहर के ऐतिहासिक धरोहर बर्बाद हो रही है। शासन को इसे बचाने की पहल करना चाहिए।
– शहर में सभी ओर विकास कार्य चल रहा है,लेकिन धरोहर के संरक्षण को लेकर कोई काम नहीं हो रहा है। ऐसा लग रहा है कि जिम्मेदारों ने शहर की धरोहर को खत्म करने ठान ली है। रंगाई-पुताई तक नहीं करवाई जा रही है।