18 साल पहले चली थी ये ट्रेन
बता दें कि शान-ए-भोपाल एक्सप्रेस (12155/12156) भोपाल शहर के हबीबगंज स्टेशन से हजरत निजामद्दीन तक बीते 18 सालों से चल रही है। इस ट्रेन को तमाम सर्वे और ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों के फीडबैक लेने के बाद ही ये दर्जा दिया गया है। इस ट्रेन में कैटरिंग की कोई भी सुविधा नहीं है, इसके बावजूद ये ट्रेन यात्रियों को पसंद है। इस ट्रेन को साल 2011 व 2016 में जोन में बेस्ट मेनटेन के लिए जीएम अवार्ड भी मिल चुका है। साथ ही साल 2004 में रामकृष्ण बजाज नेशनल क्वालिटी अवार्ड भी दिया गया।
ट्रेन में दी गई हैं ये सुविधाएं
इस ट्रेन में यात्रियों को कई सुविधाएं दी गई हैं…
– शान-ए-भोपाल एक्सप्रेस में कैटरिंग न होने के बावजूद यात्रियों के लिए ग्रीन-टी, लेमन-टी, शूप की व्यस्था की गई है।
– इस ट्रेन के सभी कोच में यात्रियों के लिए नि:शुल्क लाइब्रेरी की व्यवस्था है।
– ट्रेन में डायिबटीज के मरीजों के लिए लो-शुगर-टी भी मिलती है।
– इंडियन रेलवे की किसी भी ट्रेन में यात्रियों को मखमली कंबल नहीं मिलते हैं, लेकिन इस ट्रेन के फर्स्ट एसी कोच में यात्रियों को मखमली गद्दे भी मिलते हैं।
– इस ट्रेन के कोचों में कॉफी मशीनें भी हैं।
– इस ट्रेन की सबसे बड़ी खासियत ये है कि ये पहली ट्रेन है जिसमें बायो टॉयलेट है साथ ही डस्टबिन की सुविधा भी है।
– ट्रेन के कोचों में कई तरीके की तस्वीरें भी लगी हुई हैं।
शान-ए-भोपाल एक्सप्रेस को आदर्श ट्रेन का दर्जा मिलना गर्व की बात है। ये अच्छी सुविधाएं देने का ही परिणाम है। आगे प्रयास जारी हैं कि दूसरी ट्रेनों को भी भोपाल एक्सप्रेस की तर्ज पर अपग्रेड किया जाए।
– शोभन चौधरी, डीआरएम, भोपाल रेल मंडल