सोमवार को भाद्रपद अमावस्या अर्थात सोमवती अमावस्या के दिन सूर्यग्रहण का अद्भुत संयोग बन गया है। हालांकि सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा, लेकिन इसका असर जरूर भारत में नजर आ रहा है। ग्रहण के सूतककाल में देशभर के अनेक मंदिरों के पट बंद कर दिए जाते हैं।
Surya Grahan का धार्मिक, आध्यात्मिक और ज्योतिषीय महत्व भी है। भोपाल के ज्योतिष पं. जगदीश शर्मा के मुताबिक सूर्य ग्रहण सूर्य की स्वयं की राशि सिंह में केतू के नक्षत्र मघा में पड़ रहा है।
सोमवती अमावस्या का विशेष महत्व इसलिए भी है क्योंकि इस दिन पूजन करने से
पितरों की आत्मा को शांति और पति की लंबी आयु जैसे कुल 7 लाख होते हैं।
-इस दिन पीपल के मूल में भगवान विष्णु, तने में शिवजी और अग्रभाग में ब्रह्माजी का
निवास होता है। पीपल के पीजन से सौभाग्य की वृद्धि होती है।
-गरीबों को भोजन कराया जाना चाहिए।
-पितरों को जल देने से उनकी आत्मा को तृप्ति मिलती है।
महाभारत काल से ही पितृ विसर्जन की अमावस्या, विशेषकर सोमवती अमावस्या पर
तीर्थस्थलों पर पिंडदान का महत्व है।
-जिन लोगों की कुंडली में चंद्रमा कमजोर है, वे जातक गाय को दही और चावल खिलाएं
तो उन्हें मानसिक शांति मिलेगी।
-इस दिन मौन वृत धारण करे से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। मौन व्रत करने से मन
संतुलित होता है। कई असाध्य रोगों से छुटकारा मिलता है।
पं. शर्मा का कहना है कि सूर्यग्रहण के दिन सूतक काल के पहले या बाद में शिवालय में
जाएं जहां शिव परिवार पीपल के पेड़ के नीचे विराजमान हों।
-गणपति का विधिवत पूजन करने के बाद पीपल के पेड़ के नीचे तिल के तेल का दीपक
जलाएं।
-सुगंधित धूप, पीपल पर हल्दी से तिलक करें, सफेद फूल चढ़ाएं, बर्फी का भोग लगाएं।
-पीपल की जड़ में जल खंड मिश्रित कच्ची दही की लस्सी और पंचामृत चढ़ाएं।
-हल्दी से रंगे कच्चे सूत की गांठ पीपल पर लगाकर दूसरे हाथ में धान, धनिया, पान,
हल्दी, सिंदूर व साबुत सुपारी लेकर 108 बार सूत लपेटते हुए पीपल की परिक्रमा करें।
-परिक्रमा के बाद सभी सामग्री पीपल पर चढ़ा दें और किसी धोबन को भेंट कर दें।
इसके बाद मंदिर में गौरीशंकर का पूजन करके अखंड सौभाग्य का वरदान मांगे। आपकी
विधि विधान से पूजन करने से मनोकामना जरूर पूरी होगी।
11बजकर 19 मिनट को हो जाएगा अंधेरा
99 साल बाद इतना लंबा सूर्य ग्रहण हो रहा है जो अमेरिका में नजर आएगा। यह ग्रहण भारतीय समय के मुताबिक सोमवार रात 9 बजकर 16 मिनट से मध्य रात्रि में 2 बजकर 34 मिनट तक रहेगा। मतलब 5 घंटे 19 मिनट तक सूर्य ग्रहण रहेगा। पूर्ण सूर्य ग्रहण का समय ठीक 11 बजकर 51 मिनट माना गया है। इस समय सूर्य पूरा ढंक जाएगा। पूर्ण सूर्य ग्रहण के कारण उत्तर अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, पश्चिमी यूरोप के देशों उत्तर पूर्वी एशिया और अफ्रीका में नजर आएगा। हिन्दुस्तान में रात होने के कारण इसे देखा नहीं जा सकेगा, लेकिन इसका असर जरूर इस देश में पड़ेगा।