मंडी की सफाई व्यवस्था ठेके पर है। हरे कचरे के लिए बायोगैस प्लांट है। कचरा उठाने की आधी दिक्कत तो मवेशी पूरी पूरी कर रहे है। दर्जनों की संख्या में मवेशी मंडी परिसर इसी लिए छोड़े जाते हैं।यार्ड में दिन भर रहते हैं। सब्जियों का अधिकांश कचरा वहीं खाते है। जो कचरा खाने के योग्य नहीं होता है, उसे आसपास फैला भी देते। लोगों का कहना है कि पुरानी मंडी में तो सडक़, जर्जर स्ट्रेक्चर की दिक्कत थी। यह मंडी तो नई बनी हुई है। व्यवस्था तो ठीक से जिम्मेदारों को करना चाहिए।
मंडी में सफाई व्यवस्था शुरू से ठेके पर चल ही है। सफाई निरंतर होती है। कचरा यार्ड के बाहर नहीं डालने दिया जाता है। बारिश होने से जरुर थोड़ी गीला हुआ होगा। अन्यथा मंडी में सफाई व झाड़ू बराबर लगती है। आरके जैन, सचिव, कृषि मंडी, भोपाल