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भोपाल

देश में समान नागरिक संहिता लागू होने पर बड़ा अपडेट, जानिए पीएमओ और प्रेसीडेंट ऑफिस का आधिकारिक बयान

प्रधानमंत्री के कार्यालय से मिला जवाब
 

भोपालJun 27, 2022 / 06:14 pm

deepak deewan

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प्रधानमंत्री के कार्यालय से मिला जवाब

भोपाल। देशभर में समान नागरिक संहिता लागू करने के लगातार कयास लगाए जा रहे हैं। कुछ लोग इसका समर्थन करते हैं तो कुछ इसके विरोध में भी हैं. इस बीच देश में समान नागरिक संहिता लागू किए जाने के संबंध में प्रधानमंत्री कार्यालय यानि पीएमओ और राष्ट्रपति कार्यालय यानि प्रेसीडेंट ऑफिस का आधिकारिक बयान भी सामने आया है। प्रदेश के इंदौर की एक संस्था न्यायाश्रय ने समान नागरिक संहिता लागू किए जाने के बारे में पीएमओ और प्रेसीडेंट ऑफिस को पत्र भेजा था. संस्था को राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री कार्यालय ने जवाबी पत्र भेजा है जिसमें देश में समान नागरिक संहिता जल्द ही लागू किए जाने की बात कही गई है।

संस्था के पदाधिकारियों के अनुसार हिजाब विवाद के बाद देश में बने अस्थिरता के माहौल को हमेशा के लिए समाप्त करने के उद्देश्य से संस्था ने समान नागरिक संहिता लागू करने की मांग करते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय और राष्ट्रपति कार्यालय को पत्र लिखा था। संस्था को हाल ही में दोनों कार्यालयों से जवाब प्राप्त हुए हैं। जवाब में कहा गया है कि देश में समान नागरिक संहिता जल्द ही लागू कर दी जाएगी। इसके लिए अभी विधि आयोग की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।

संस्था ने अपने पत्र में कहा था कि भारत के संविधान में भी अनुच्छेद 44 के अंतर्गत समान नागरिक संहिता लागू किए जाने की बात कही गई है। संविधान निर्माता डा. भीमराव आंबेडकर ने भी देश में समान नागरिक संहिता लागू किए जाने पर जोर दिया था। इसके बावजूद इसे अब तक क्रियान्वित नहीं किया गया है। पत्र में कर्नाटक में उठे हिजाब विवाद का जिक्र करते हुए लिखा गया कि राष्ट्र विरोधी तत्वों द्वारा यह संदेश देने का प्रयास किया जा रहा है कि देश में अल्पसंख्यक खतरे में हैं। शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों में धर्म, लिंग, जाति, वर्ण, आदि का भेदभाव न हो, इसके लिए समान नागरिक संहिता लागू करना जरूरी है।

इंदौर की संस्था न्यायाश्रय को राष्ट्रपति कार्यालय और प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा भेजे गए जवाबी पत्र का मजमून
— समान नागरिक संहिता को लागू करने लेकर देशभर के नागरिकों और संस्थाओं से सुझाव आमंत्रित किए गए थे। इस बारे में व्यापक चर्चा के लिए रिफार्म आफ फैमिली ला शीर्षक से परामर्श पत्र भी जारी किया जा चुका है। विधि आयोग की रिपोर्ट प्राप्त होते ही केंद्र सरकार समान नागरिक संहिता लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर देगी।

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