वहीं, नगर निगम परिषद अध्यक्ष सुरजीत सिंह चौहान का भी कहना है कि पूर्व सीएम अर्जुन सिंह की प्रतिमा लिंक रोड पर लगाने का प्रस्ताव पास किया गया था, लेकिन यह प्रतिमा कैसे और कहां बनी और इसे किस जगह पर स्थापित किया जाना है, यह निगम अफसरों ने तय किया है। अधिकारियों ने जो स्थान तय किया है, वहां इसे स्थापित कर दिया गया है।
नगर निगम ने सड़कों से प्रतिमा हटाने के लिए तीन साल पहले मुहिम शुरू की थी। इस दौरान चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमा को एक तरफ किया था। इसके बाद शहर की कई प्रतिमाओं को ट्रैफिक में बाधा का हवाला देकर साइड में किया गया। जिसमें पूर्व राष्ट्रपति डॉ शंकर दयाल शर्मा की प्रतिमा भी शामिल थई। प्रदेश में सरकार बदलने के बाद अब नगर निगम ने अपने प्रस्ताव पर अमल किया है।
पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने लिखा कि महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमा के साथ ऐसा कृत्य, मध्यप्रदेश शर्मिंदा है। इस दुस्साहस के लिए दोषियों को तत्काल कड़ी से कड़ी सजा और उचित सम्मान के साथ मां भारती के सपूत की प्रतिमा पुनः स्थापित हो, अन्यथा देश स्वयं को कभी माफ न कर सकेगा।
वहीं, संस्कृति बचाओ मंच के चंद्रशेखर तिवारी ने कहा कि नगर निगम के कमिश्नर ने सड़क चौड़ीकरण के नाम पर इस प्रतिमा को वहां से हटाई गई थी। लेकिन बाद में चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमा की जगह वहां अर्जुन सिंह की मूर्ति लग रही है। कांग्रेस बेवजह इस विवाद को जन्म दे रही है। मैं चाहूंगा कि पूर्व सीएम अर्जुन सिंह की प्रतिमा को व्यापम चौराहे पर लगाया जाए।