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भोपाल

MP में नगरीय प्रशासन ने जारी की ये एडवाइजरी, मानव अधिकार आयोग ने दिए थे निर्देश

सभी नगरीय निकायों में डॉग हाउस…

भोपालJun 18, 2019 / 09:55 am

दीपेश तिवारी

beware dogs

MP में नगरीय प्रशासन ने जारी की ये एडवाइजरी, मानव अधिकार आयोग ने दिए थे निर्देश

भोपाल। मध्यप्रदेश शासन की ओर से आम जनता की सुरक्षा को देखते हुए एक एडवाइजरी जारी की गई है। इसके अनुसार खूंखार, बीमार और अवारा कुत्तों को कैद करने के लिए सभी नगरीय निकायों में डॉग हाउस बनाए जाएंगे। उनकी देख-रेख करने के लिए पशु चिकित्सकों और नगर निगम का अमला तैनात किया जाएगा।

इस संबंध में नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने सभी निकायों से कहा है कि वे दो साल के भीतर अपने क्षेत्रों में कुत्तों की गणना, टीकाकरण, बधियाकरण भी करें, जिससे आवारा कुत्तों की जनसंख्या पर नियंत्रण लगाया जा सके।

आवारा कुत्तों के काटने की घटनाओं पर मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लेते हुए नगरीय विकास एवं आवास विभाग को तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। इसी के चलते नगरीय प्रशासन यह कदम उठाने जा रहा है।

नगरीय प्रशासन ने निकायों से कहा है कि वे अवारा कुत्तों की गणना वैज्ञानिक तरीके से कराएं, हर निकायों में एक काल सेंटर बनाया जाए, जो सिर्फ लोगों को यह बताएं कि आवारा कुत्तों के काटने पर वे क्या उपाय करें और अवारा कुत्तों को पकडऩे की सूचनाएं अमले को दें।

कुत्तों की संख्या के अनुसार निकायों में वाहन तथा उन्हें पकडऩे के लिए कर्मचारियों का एक सेल बनाया जाए। यह सेल अवारा कुत्ते के काटने की सूचना मिलते वाहन लेकर मौके पर पहुंचकर कुत्ते को पकड़ेगा तथा पीडि़त को अस्पताल में भर्ती कराने की व्यवस्था करेगा।

अस्पतालों में 24 घंटे रखें रैबीज के इंजेक्शन
नगरीय प्रशासन ने अस्पतालों को निर्देश दिए हैं वे चौबिसों घंटे रैबीज के इंजेक्शन रखें। निकायों से कहा है कि वे समय-समय पर खूंखार, अवारा, रैबिज और बीमार कुत्तों का समय समय पर सर्वे कराए।

जन जागरुकता अभियान चलाकर लोगों को यह भी बताया जाए कि कुत्ते के काटने पर वे क्या करें और इसकी सूचना किस फोन नम्बर पर दें।

इधर, अब फ्री में मिलेगा गैस सिलेंडर…
वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत जिन उपभोक्ताओं ने रसोई गैस सिलेंडर लिए हैं। उनके पास यदि रिफिल कराने के पैसे नहीं हैं तो वे अपना सिलेंडर (14.2 किलो) एजेंसी पर जमा कर पांच किलो का सिलेंडर ले सकते हैं।

इन छोटे सिलेंडरों की सप्लाई भी कंपनी बड़े सिलेंडरों की तरह घर बैठे करेगी अर्थात् उपभोक्ताओं को डीलर्स प्वाइंट पर जाने की जरूरत नहीं होगी।

दरअसल, उज्ज्वला योजना के तहत उन परिवारों को एलपीजी सिलेंडर दिए जाते हैं जो गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे हैं। ऐसे परिवार ज्यादातर मेहनत-मजदूरी करने वाले होते हैं।

कई बार सिलेंडर भरवाने के लिए उनके पास पैसे नहीं रहते। ऐसे में वे गैस चूल्हे की बजाय लकड़ी, लकड़ी के बुरादे, कोयले जैसे परंपरागत साधनों से खाना बनाते हैं।

ऐसे परिवारों की सुविधा के लिए ऑयल कंपनियां ने पांच किलो का रसोई गैस सिलेंडर दे रही है। इनकी डिलीवरी के लिए नियम शिथिल करते हुए घर पहुंच सेवा दी जा रही है। इतना ही नहीं यदि सिलेंडर की सप्लाई के समय परिवार कहीं गया हुआ है तो दूसरे दिन या अवकाश के दिन भी सिलेंडर पहुंचाया जाएगा। कंपनियां इसके लिए सेफ्टी क्लीनिक भी शुरू करने जा रही है।

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