जबकि शरीर में इसका मुख्य क्षेत्र सिर का माना जाता है। सभी 9 ग्रहों में मुख्य सूर्य को आत्मा तत्व से जोड़ने के अलावा ज्योतिष में इसका मुख्य संबंध आपकी तरक्की व प्रतिष्ठा effects of sun transit in libra से जुड़ा माना जाता है।
ऐसे में सूर्य का राशि परिवर्तन तो क्या चाल परिवर्तन तक जातकों को काफी ज्यादा प्रभावित करती है। इसके अलावा सनातन धर्म में सूर्य को आदि पंच देवों में स्थान दिए जाने से इसका प्रभाव और ज्यादा बढ़ जाता है। वहीं एक खास बात ये भी ही कि आदि पंच देवों में से इस युग में केवल सूर्यदेव को ही दृष्य देव माना जाता है।
पंडित सुनील शर्मा के अनुसार आपकी प्रतिष्ठा या आपका अपमान मुख्य रूप से सूर्य के इर्द गिर्द effects of sun transit नीचा देखने को मजबूर कर देती है।
वैसे तो ज्योतिष के कुछ जानकार सूर्य के संबंध में ये भी कहते हैं कि वह जिस घर में बैठता है वहां बैठे बाकि सब को जला देता है। लेकिन राहू से सूर्य सदैव परेशान होता है।
इसके अलावा शनि या मंगल व शुक्र को भी सूर्य के मामले में बुरा माना जाता है। वहीं यदि योगों की बात की जाए तो सूर्य सबसे अच्छा योग बुध के साथ बुधादित्य योग का भी निर्माण करता है।
ज्योतिष बीके श्रीवास्तव के अनुसार सूर्य ने 17 अक्टूबर 2018, बुधवार से तुला राशि में गोचर effects of sun transit in libra करना शुरू कर दिया है और अब वे 16 नवंबर तक इसी राशि में रहेंगे।
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सूर्य एक राशि में एक महीने तक रहते हैं। इसमें सबसे खास बात ये है कि सूर्य जो की सिंह राशि के स्वामी हैं वे शुक्र जो तुला राशि के स्वामी हैं और राक्षस गुरु हैं, उनके घर में भ्रमण Sun transit in libra 2018 effects on you पर हैं।
आत्मा के कारक सूर्य जातक के भीतर आत्मविश्वास को बढ़ाते हैं, साथ ही उसे तमाम विषम परिस्थितियों से लोहा लेने की ताकत प्रदान करते हैं। ऐसे में जिन लोगों में आत्मविश्वास की कमी है या फिर वो लोग जो अपनी बात खुलकर नहीं कह पाते हैं, उन्हें प्रतिदिन उगते सूर्य का दर्शन करने के साथ ही उन्हें जल अर्पित करना चाहिए।
नौ ग्रहों के राजा सूर्य का राशि परिवर्तन सभी 12 राशियों पर अच्छा खासा प्रभाव डालेगा, सूर्य के जीव की आत्मा से संबंध होने के कारण ये हर किसी को काफी प्रभावित करेगा।
ये डालेगा आप पर असर Sun transit in libra 2018 effects on 12 zodiac signs…
1. मेष Arise :
मेष राशि के जातकों के लिए पंचमेश सूर्य का गोचर सप्तम भाव में होने से वैवाहिक सुखों में कमी, कुछ स्वास्थ्य संबंधी तकलीफें (एसिडिटी, हड्डियों की परेशानी) बढ़ सकती है। ऐसी स्थिति में अपने पार्टनर के साथ बहुत ही धैर्य के साथ बात करें।
उपाय: प्रति दिन सूर्य नमस्कार करें व जल दें।
2. वृषभ :
इस राशि के जातकों के लिए ये गोचर पिता को कष्ट का कारण बन सकता है। यदि कोर्ट-कचहरी में कोई कानूनी मामला चल रहा है तो उसमें कुछेक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। विद्यार्थियों और कंपटीशन की तैयारी में जुट लोगों के लिए सूर्य का राशि परिवर्तन बेहतर परिणाम वाला साबित होगा।
उपाय: हर रविवार आदित्य ह्रदय स्त्रोत का पाठ करें। और प्रति दिन सूर्यदेव को जल दें।
3. मिथुन gemini :
मिथुन राशि वालों के तृतीय भाव से होकर पंचम में गोचर करने के कारण यदि संतान जन्म का समय है तो आॅपरेशन की नौबत आ सकती है। इस दौरान संतान से जुड़ी समस्याएं सामने आ सकती हैं। प्रेम-प्रसंग से जुड़े मामले में चला आ रहा विवाद दूर होगा।
उपाय: रविवार का व्रत करें, इस दिन कुछ भी नमकीन न खाएं। हर रोज ब्रहम मुहुर्त में सूर्य को नमस्कार करें।
4. कर्क Kark :
इस राशि वालों के धनेश और कुटुंब भाव का स्वामी होकर सूर्य का चतुर्थ में गोचर होने से हड्डियों की तकलीफ बढ़ा सकता है। इस दौरान आत्मविश्वास में कमी आएगी। आपत्तिकाल के लिए पैसा बचाकर रखें। आय भाव पर दृष्टि होने से नुकसान से बचेंगे। पिता की सेहत का ध्यान रखें।
उपाय: प्रति दिन सूर्य नमस्कार करें व रविवार को नमकीन कुछ न खाएं।
5. सिंह Leo:
आपके राशि स्वामी का तृतीय भाव में गोचर होने से किसी परीक्षा-प्रतियोगिता की तैयारी कर रहे लोगों को सफलता पाने के लिए दोगुनी मेहनत करनी होगी। इस दौरान सेहत का विशेष ख्याल रखें, क्योंकि इससे थोड़ी बहुत दिक्कतें हो सकती हैं। छोटी यात्राएं होंगी और लंबे समय से चली आ रही किसी समस्या का निदान निकल आएगा। भाई-बहनों के बीच मतभेद समाप्त होगा।
उपाय: ब्रह्म मुहुर्त में सूर्य का दर्शन कर उन्हें जल अर्पित करें।
6. कन्या Virgo:
कन्या राशि वाले आंखों का विशेष ख्याल रखें। इस दौरान नेत्र कष्ट की आशंका है। द्वादशेश होकर धन भाव में होने के कारण आपको इस दौरान अपनी वाणी पर पूरा नियंत्रण रखना होगा। किसी से भी सोच-समझकर बोलें। अप्रत्याशित तौर पर अटका हुआ पैसा या किसी अन्य स्रोत से धन प्राप्त होगा।
उपाय: हर रोज सुबह एक निश्चित समय बना कर सूर्य देव को जल अवश्य अर्पित करें।
7. तुला Libra:
एकादशेश होकर अपनी ही राशि में गोचर होने से सेहत का ध्यान रखें। बेवजह, किसी से न उलझें। क्रोध पर नियंत्रण रखें, नहीं तो बनी हुई बात बिगड़ जाएगी। खान-पान पर विशेष ध्यान रखें। पेट से जुड़े रोगों के उभरने की आशंका है।
गुस्से पर नियंत्रण रखें। व्यवसाय से संबंधित पारिवारिक तनाव से परेशानी की संभावना है। दशमेश का व्यय भाव पर गोचर होने से यात्राएं अधिक होंगी।
सूर्य का भाग्येश होकर आय भाव में गोचर होने के कारण सरकार से लाभ होगा। आय में वृद्धि होगी। इस दौरान धार्मिक यात्राएं हो सकती हैं। पिता से लाभ होगा। पदोन्नति के पूरे योग हैं।
अष्टमेश सूर्य का गोचर कर्म स्थान पर होने से सरकारी नीतियों से लाभ होगा। लेकिन इस दौरान जल्दबाजी में किसी गलत निर्णय से बचना होगा। धैर्य का साथ न छोड़ें और संयमित रहें।
सप्तमेश सूर्य का नवम् भाव में गोचर होने से मान-सम्मान में वृद्धि होगी। पिता की सेहत का खास ख्याल रखें। इस दौरान पिता से सौहार्दपूर्ण व्यवहार रखें। आध्यात्मिक कार्यों में अधिक समय बीतेगा।
चोट लगने की आशंका है। वाहन चलाते समय सावधानी बरतें। षष्ठेश का अष्टम भाव में गोचर होने से सेहत का विशेष ध्यान रखें। दूसरों के झगड़े में न पड़ें, नहीं तो कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाने पड़ सकते हैं।
सूर्यदेव को प्रसन्न करने के अचूक उपाय… – प्रतिदिन भगवान सूर्य को अर्घ्य दें।